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Ghaziabad news: गाजीपुर में कूड़े के पहाड़ से ‘आजादी’ मिलने में लगेंगे 94 साल, जानें कोर्ट में क्या बोला पलूशन कंट्रोल बोर्ड

गाजियाबाद
पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर में कूड़े के पहाड़ से ‘आजादी’ मिलने में अभी भी 94 साल लग जाएंगे। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में कौशांबी अपार्टमेंट्स रेजिडेंट वेलफेयर असोसिएशन (कारवां) की तरफ से डाली गई याचिका में सुनवाई चल रही है।

सेंट्रल पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि गाजीपुर में करीब 140 लाख टन कूड़ा जमा है। वहीं, कारवां ने अनुमान लगाया है कि हर साल यहां पर करीब डेढ़ लाख टन कूड़े को प्रॉसेस कर मिट्टी में बदला जा रहा है। इसके हिसाब से कूड़े के पहाड़ को साफ करने में करीब 94 साल लग जाएंगे।

9 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
याचिकाकर्ता और कारवां के प्रेजिडेंट विनय मित्तल ने बताया कि गाजीपुर कूड़े के पहाड़ को किस प्रक्रिया के तहत जल्द हटाया जाए, इसके लिए आईआईटी दिल्ली और नैशनल एनवॉयर्नमेंट इंजिनियरिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट (नीरी) जैसी संस्था भी रिसर्च में जुटी है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 9 सितंबर को होगी।

लोगों को हो रही परेशानी
कारवां की तरफ से कौशांबी कॉलोनी के अंदर पल्यूशन के मामले को लेकर याचिका दाखिल की गई है। इसमें बसों के संचालन और भारी वाहनों के प्रवेश से लेकर ध्वनि प्रदूषण जैसे मामले शामिल हैं। इसी याचिका में गाजीपुर में कूड़े के पहाड़ का भी हवाला दिया गया है।

पर्यावरण पर हो रहे बुरे असर पर चिंता जताई गई है। यह मामला कई वर्षों से चल रहा है, लेकिन इस मामले में एनजीटी की गाइडलाइंस को जिला प्रशासन की तरफ से न मानने पर याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली है।

2017 में हुआ था बड़ा हादसा
मालूम हो कि 2017 में पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर में कूड़े के पहाड़ का एक हिस्सा सड़क पर गिर गया था। इसकी वजह से कार समेत 6 गाड़ियां नहर में समा गई थीं। हादसे में स्कूटी सवार एक महिला समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी।