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मांगों को लेकर भाकियू का जल सत्याग्रह जारी, 2 किसानों की तबीयत बिगड़ी

सुधांशु मिश्र, हरदोई
किसानो की समस्याओं को लेकर हरदोई-लखीमपुर बॉर्डर पर गोमती नदी में भाकियू अवध के नेताओं सहित क्षेत्र के तमाम किसान 12 अगस्त से जल सत्याग्रह कर रहे हैं। चार दिन से चल रहे धरने के बावजूद हरदोई-लखीमपुर जिले का प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। रविवार रात दो लोगों की हालत बिगड़ गई। सोमवार सुबह पिहानी से डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुंची और किसानों का स्वास्थ्य परीक्षण कर दवा दी।

कम बिजली आपूर्ति, आवारा पशुओं की लगातार बढ़ती समस्या, निर्माण कार्यों में हुई धंधली और बरनाला पोल्ट्री फार्म के चलते मधुमक्खियों की समस्या को लेकर किसान जल सत्याग्रह कर रहे हैं। बड़ी संख्या में किसान नेता और क्षेत्रीय किसान नदी में ही हैं।

स्वतंत्रता दिवस नदी में ही मनाया
जल सत्याग्रह कर रहे किसान नेताओं ने नदी में खड़े होकर स्वतंत्रता दिवस मनाया। इस दौरान वहीं ध्वजारोहण किया गया और फिर राष्ट्रगान हुआ। जल सत्याग्रह का सबसे कठिन दौर रात में होता है। जब नदी का ठंडा पानी कंपकपी पैदा करता है, लेकिन किसान नेता इसकी कोई परवाह न कर जमे हुए हैं।

दो किसानों की तबीयत हुई खराब
लगातार नदी में खड़े रहने से किसान नेताओं के हाथ-पैर सहित शरीर का निचला हिस्सा सफेद हो गया और दो किसानों बलविंदर और प्रवीण की हालत इतनी खराब हो गई कि उनको बाहर निकलना पड़ा। सोमवार सुबह पिहानी सीएचसी से डॉक्टरों की टीम पहुंची और किसानों का स्वास्थ्य परीक्षण कर दवाएं दीं। भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष श्यामू शुक्ला ने एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत करते हुए बताया कि दोनों ही जिलों के प्रशासन से कई बार समस्याओं के निस्तारण की बात कही गई, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। जिसके चलते हम प्रदर्शन को मजबूर हुए। शुक्ल ने बताया कि जब तक हमें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलता, जल सत्याग्रह अनवरत चलता रहेगा।

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सोमवार दोपहर एसडीएम शाहाबाद, एसडीएम मितौली और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसान नेताओं को मनाने का प्रयास किया, लेकिन वार्ता असफल रही। किसान नेताओ का कहना जिलाधिकारी हरदोई और जिलाधिकारी खीरी धरना स्थल पर आएं। साथ ही ठोस कार्रवाई का आश्वासन दें, तभी वे यहां से हटेंगे।