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जनसभा के बहाने सियासत की नई लकीर खींचने में लगे हैं BSP से निष्कासित नेता

अंबेडकरनगर
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारी मजबूत करने में लगे हुए हैं। वहीं, कुछ निष्कासित नेता पार्टी के लिए मुश्किलें तैयार कर रहे हैं।

बीएसपी से निष्कासित पूर्व विधानमंडल दल नेता लालजी वर्मा और विधायक राम अचल राजभर ने सोमवार को टांडा विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा कर सियासत की नई लकीर खींच दी है। कभी बीएसपी के खेवनहार रहे ये नेता अब सियासत में उसको ही पटखनी देने की तैयारी में जुट गए हैं। जनसभाओं के द्वारा ये दोनों नेता जिले के साथ साथ पूर्वांचल में सियासत का नया मैदान तैयार कर रहे हैं। इस दौरान विधायक राम अचल राजभर ने जहां जमकर बीएसपी मुखिया पर हमला बोला तो वहीं इशारों ही इशारों में अपने नए राजनीतिक पड़ाव का संकेत भी दे दिया।

बीएसपी से निष्कासित लालजी वर्मा और राम अचल राजभर ने अपने निष्कासन के बाद सोमवार को पहली बार एक साथ टांडा नगर में जनसभा को संबोधित किया। इस जनसभा के बहाने दोनों नेताओं ने विरोधियों को अपनी ताकत का एहसास कराया।

राम अचल राजभर बोले मिशन से भटक गई हैं मायावती
राम अचल राजभर ने कहा कि हमने साइकिल चलाकर और गांव-गांव में ड्रामा कर स्व. कांशीराम के साथ पार्टी को खड़ा किया। उस समय पार्टी 85 बनाम 15 की लड़ाई लड़ रही थी, लेकिन आज बीएसपी सुप्रीमो 15 प्रतिशत के हाथों में खेल रही हैं। अब पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों का भला इस पार्टी में होने वाला नहीं है।

भावुक होकर नम आंखों के साथ राम अचल राजभर ने कहा कि जब मायावती के साथ गेस्ट हाउस कांड हुआ था। उस समय हमने उन्हें बचाने के लिए लात जूतों से मारी खाई। दयाशंकर सिंह मामले में जेल गया। यही नहीं जब बहन जी की तबीयत खराब थी तो दिल्ली ले जाते समय समय मैंने उनका पैर दबाकर सेवा की थी, लेकिन घनश्याम चंद खरवार जैसे गद्दारो के कहने पर मुझे पार्टी से निकाल दिया और एक बार नहीं बताया मेरी गलती क्या है? राजभर ने कहा कि खरवार वो गद्दार है, जिसने पार्टी के निष्कासन के बाद बहन जी पर अपशब्दों की बौछार की थी।

लालजी वर्मा ने उठाया आरक्षण का मुद्दा
वहीं, लालजी वर्मा ने कहा कि जो लोग पार्टी के ईमानदार कार्यकर्ता थे, उनको जिला पंचायत में टिकट नहीं दिया गया। पूरे जिले में बीएसपी सिर्फ आठ सीट जीत पाई। जिम्मेदार तो वो लोग हैं, जिन लोगों ने टिकट दिया था, लेकिन पार्टी से हमें निकाल दिया गया। लालजी वर्मा ने कहा कि हम अभी किसी पार्टी में नहीं जा रहे हैं और न ही किसी पार्टी के साथ हमारा कोई अपनी शर्त है। हमने बस इतनी शर्त रखी है कि जो पार्टी सरकारी नौकरियों में खाली पड़े पिछड़ों, अतिपिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों के पदों को भरेगी हम उसी के साथ जाएंगे।

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उन्होंने कहा कि हमारे पास तमाम बड़े पदों का ऑफर आया, लेकिन हमारी प्राथमिकता अपना निजी स्वार्थ नहीं है। हम वहां रहेंगे जहां से आप के हितों की अगुआई कर सकें, हमारी कलम से अंबेडकरनगर के विकास की गाथा लिखी जाए।

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नए ठिकानों को लेकर समर्थकों में दिखी उत्सुकता
बीएसपी से निष्कासित इन दोनों नेताओं के राजनीतिक ठिकाने को लेकर इनके समर्थकों में काफी उत्सुकता दिखी, लेकिन इन नेताओं ने अभी अपने पत्ते नहीं खोलें हैं। हलाकि, राम अचल राजभर का कहना कि यदि मुझे अपना हित साधना होता तो अब तक बेटा एमएलसी और मुझे लाल बत्ती मिल गई होती, लेकिन मैंने उसे ठुकरा दिया। हम वहीं जाएंगे, जहां अति पिछड़ों, पिछड़ों और शोषित लोगों की बात रख सकें। राम अचल के इस बयान से इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि बीएसपी से निष्कासित नेताओं का अगला ठिकाना एसपी ही होगा।