जिला अस्पताल के चिकित्सक व स्टॉफ की लापरवाही के कारण एक नवजात शिशु वार्मर में ही सुलग कर मौत की नींद सो गया। शिशु की चमड़ी जल गई और उसमें से धुआं निकल रहा था। घटना को लेकर अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। सूचना पर सीएमएस डॉ. दीपक सेठ सहित चिकित्सक मौके पर पहुंचे लेकिन बच्चे को बचाया नहीं जा सका। घटना से पीड़ित परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार वालों का कहना है कि एनआईसीयू वार्ड का स्टॉफ मोबाइल चलाने में मशगूल रहा और उन्होंने बच्चे की देखभाल नहीं की। घटना की तहरीर सदर कोतवाली पुलिस को दी गई है। सीएमएस डॉ. दीपक सेठ ने भी मामले में जांचकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
फतेहपुर जिले के खखरेरू निवासी जुनैद की पत्नी महेलिका को शुक्रवार शाम प्रसव पीड़ा हुई। इस पर घरवाले महेलिका का प्रसव कराने जिला अस्पताल लाए। शाम 6.15 बजे मेहिलिका ने बेटे को जन्म दिया। रात 9.14 बजे राउंड में गए चिकित्सक ने सलाह दिया कि बच्चा सेक्शन (दूध नहीं दबा पा रहा है) नहीं कर पा रहा है। इस वजह से उन्होंने जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में शिशु को भर्ती करने की सलाह दी।
जुनैद के बड़े भाई जावेद का कहना है कि 15 अगस्त सुबह छह बजे बच्चे की नानी डायपर बदलने गई तो सभी ठीक था। उन्होंने स्टाफ से बच्चेें को देखने के लिए कहा लेकिन कोई कुर्सी से नहीं हिला। सभी स्टाफ मोबाइल चलाने में ही मस्त रहे। इसके करीब एक घंटे बाद परिवार के अन्य लोग वार्ड पहुंचे तो बच्चे के शरीर से धुआं निकल रहा था। स्टाफ के साथ पास जाकर देखा तो उसकी सांसे थम चुकी थीं। बच्चे की चमड़ी इस तरह से जल गई थी कि पकड़ने में वह नोच आती थी। इसकी शिकायत सीएमएस व सदर कोतवाली पुलिस से की गई है। सूचना पर इंस्पेक्टर मंझनपुर मनीष पांडेय मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवार से तहरीर ली।
इनका कहना है
जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में एक बच्चे की मौत का मामला सामने आया है। मामले की जांच कराया जाएगा। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।-डॉ. दीपक सेठ, सीएमएस
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