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नेत्रदान-एक सुनहरा उपहार

प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 25 अगस्त से 8 सितम्बर तक राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जा रहा है । इस अभियान का उद्देश्य लोगों में नेत्रदान के महत्व के बारे में बड़े पैमाने पर जन जागरूकता पैदा करना है । साथ ही लोगों को मृत्यु के बाद अपनी आंखें दान करने के लिए प्रेरित करना है।

नेत्रदान पखवाड़े का आयोजन राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ सुभाष मिश्रा एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रायपुर डॉ. मीरा बघेल के मार्गदर्शन में किया जा रहा है ।

इस बारे में नोडल अधिकारी डॉ. निधि ग्वालरे ने बताया, ‘’शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मोवा रायपुर में स्कूली बच्चों के बीच नेत्रदान जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया है। जिसमें बच्चों को बताया गया कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके विभिन्न अंगों को दान किया जा सकता हैं तथा उन अंगों को उन रोगियों में प्रत्यारोपित किया जा सकता है, जिन्हें उन अंगों की आवश्यकता है। ऐसा ही एक अंग ‘आंख’ है। मृत्यु के बाद नेत्रदान से, क्षतिग्रस्त कॉर्निया की जगह पर नेत्रदाता के स्वस्थ कॉर्निया को प्रत्यारोपित किया जाता है। कार्निया प्रत्यारोपण द्वारा दृष्टिहीन व्यक्ति फिर से देख सकता हैं। उन्होंने कहा, नेत्रदान-एक सुनहरा उपहार है एक व्यक्ति के नेत्रदान किसी की जिंदगी रोशन हो सकती है। नेत्रदान के लिए अपने नजदीक के नेत्र बैंक, मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जिला चिकित्सालय में संपर्क कर सकते हैं”।

विकासशील देशों में प्रमुख रूप से दृष्टिहीनता स्वास्थ्य समस्याओं में एक बड़ी समस्या है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, कॉर्निया की बीमारियां (कॉर्निया का नुकसान, जो कि आँखों की अगली परत होती है ) मोतियाबिंद और ग्लूकोमा के बाद, होने वाली दृष्टि हानि के प्रमुख कारणों में से एक हैं।

नेत्र सहायक अधिकारी आरपी यादव ने बताया, “नेत्रदान मृत्यु के बाद होता है। 6 घंटे के अंदर नेत्रदान हो जाना चाहिए । नेत्रदान लेने के लिए चिकित्सक द्वारा स्वयं घर पर जाकर नेत्र निकाले जाते हैं, यह प्रक्रिया निशुल्क होती है। नेत्रदान मृत्यु के बाद ही किया जाता है मृत्यु होते ही नेत्रदाता की इच्छा की सूचना दी जाती है। हर हाल में 6 घंटे में नेत्रदान हो जाना चाहिए इस बीच मृतक की आंख बंद कर देना चाहिए । पंखा भी बंद कर देना चाहिए उसे कपड़े या रुई से ढक दे गर्मी का समय हो तो पलकों के ऊपर गीला कपड़ा या रुई गीली करके रखना चाहिए । यदि वर्फ़ हो तो कपड़े या रुई के ऊपर रख दें । सामान्यता 5 से 60 वर्ष तक के व्यक्ति की आंखें दान के लिए उपयुक्त होती है”।

नेत्र सहायक अधिकारी ललित पाटकर ने बताया, “व्यक्ति को रेबीज, टिटनस, सर्पदंश, जहर, डूबकर या जलकर, फांसी लगाकर, एड्स, हेपेटाइटिस, लेप्रोसी, आंख का कैंसर, ब्लड कैंसर से ग्रसित व्यक्ति का नेत्रदान उपयुक्त नहीं होता है । नेत्रदान सभी करें, करें ना केवल बात …… नेत्रदान आवश्यक हो क्रिया कर्म के साथ” …… ।

नेत्रदान हेतु संपर्क डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर फोन नं. 0771-2890067 सिम्स मेडिकल कॉलेज बिलासपुर फोन नं.07752-222301 एमजीएम नेत्र चिकित्सालय रायपुर फोन नं. 0771 2970670 एवं गणेश विनायक आई हॉस्पिटल रायपुर फोन नं. 0771-40 77741 एवं 42 पर भी सम्पर्क कर सकते हैं ।