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दुर्गम क्षेत्रों में सोलर पम्पों से दूर हो रही है पेयजल की समस्या

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बिजली विहिन दुर्गम क्षेत्रांे की समस्याओं के निराकरण के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। राज्य के विभिन्न जिलों के ऐसे दुर्गम क्षेत्रों में जहां पेयजल की समस्या विद्यमान वहां सोलर पम्पों की स्थापना की जा रही हैैै। धमतरी जिले केे ग्रामीण क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा सोलर ड्यूल पम्प के जरिए पीने के लिए साफ पानी मुहैय्या कराई जा रही है। इनमें आमाबहार, लिलांज, फरसगांव, मुंहकोट, गाताबाहरा, आमझर, खल्लारी, एकावरी, चमेदा, करही, मादागिरी, संदबहरा, रिसगांव, जोरातराई इत्यादि गांव शामिल हैं। राज्य सरकार की मंशा है कि इन सोलर ड्यूल पम्पों के जरिए ग्रामीणों को चौबीसों घंटे पीने का साफ पानी मिले। सोलर ड्यूल पम्पों के द्वारा सूर्य ऊर्जा का उपयोग करके ओवरहेड टैंक में पानी को एकत्रित किया जाता है। सोलर ऊर्जा उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में यह संयंत्र एक सामान्य हैंड पम्प के रूप में भी काम करता जो कि इसकी एक खास विशेषता है।

गौरतलब है कि शासन के प्रयास से धमतरी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 424 सोलर ड्यूल पम्प संयंत्रों की स्थापना क्रेडा द्वारा की गई है। ऐसे कई पिछड़े और अंदरूनी गांव हैं, जहां बिजली खंबे नहीं पहुंच पाए। इस वजह से लोगों को पीने के पानी की दिक्कत होती थी। अब सौर ऊर्जा आधारित पम्प लगाकर दुर्गम क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध कराया गया है। क्रेडा के मैदानी अमले द्वारा लगातार इन संयंत्रों पर निगाह रखी जाती है और रखरखाव का कार्य किया जाता है, ताकि ये संयंत्र हमेशा बिना रूकावट के चलते रहे।