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देर तक लगातार खड़े रहना लोगों को बना रहा है कमर और घुटनों का रोगी, मॉल के कर्मचारी और गार्ड सबसे अधिक प्रभावित

हाइलाइट्सलोगों को ज्यादा देर तक लगातार खड़े रहने से कमर और घुटने में दर्द की शिकायतगाजियाबाद में कई मॉल्स, स्कूल, अस्पताल में घंटों खड़े रहकर ड्यूटी करते हैं कर्मचारीदेर तक खड़े रहने से दर्द की शिकायत के अलावा पैरों की नसों में सूजन हो सकती हैअक्षय अग्रवाल, गाजियाबाद
तमिलनाडु सरकार ने श्रम कानून में संशोधन का बिल पेश किया है। इसके अनुसार कर्मचारियों को बैठने का अधिकार होगा। संशोधन के अनुसार, किसी भी संस्थान में कार्यरत कर्मचारी के बैठने के लिए नियोक्ता को कुर्सी उपलब्ध करानी होगी। इससे न केवल कर्मचारी की गरिमा बनी रहेगी, बल्कि उसे स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना भी न करना पड़े। हालांकि गाजियाबाद जिले में यह कानून पहले से है, लेकिन इसका उल्लंघन किया जा रहा है।

गाजियाबाद में कई मॉल्स, स्कूल, अस्पताल और कमर्शल प्लेस ऐसे हैं, जहां कर्मचारियों को ड्यूटी के वक्त बैठने की मनाही होती है। कई निजी स्कूलों में क्लास से टीचर की चेयर हटा दी गई है। मॉल में बने शोरूम में कर्मचारियों को पूरी ड्यूटी के दौरान खड़े रहना पड़ता है।

एंट्री गेट पर सुरक्षाकर्मी भी पूरी ड्यूटी के दौरान खड़े ही रहते हैं। इनकी ड्यूटी भी सामान्यतौर पर 8 से 10 घंटे की होती है। इन जगहों पर काम करने वाले कर्मचारी दबी जुबान में शिकायत तो करते हैं, लेकिन नौकरी जाने के डर से खुलकर कुछ नहीं कहते। कई लोगों को तो इस संबंध में बने श्रम कानूनों की जानकारी भी नहीं है।

क्या कहते हैं डॉक्टर
ज्यादा देर तक लगातार खड़े रहने से कमर और घुटने में दर्द की शिकायत के अलावा पैरों की नसों में सूजन हो सकती है। समय रहते यदि इसे दूर न किया जाए तो यह परेशानी जीवनभर के लिए हो जाती है।

हमारे पास इस तरह के कई मरीज आ रहे हैं। मॉल में काम करने वाले युवा, स्कूल टीचर, फैक्ट्री वर्कर और दुकानदार भी हैं। जहां वे काम करते हैं, वहां काम के दौरान बैठने की व्यवस्था नहीं होती है। उनके पैर, घुटने, कमर में दर्द की परेशानी और वैरीकॉजवेन यानी पैर की नसों में सूजन और उनके ब्लॉक होने की परेशानी हो जाती है। ये ऐसी परेशानी हैं, जो ठीक नहीं होती।

सीनियर ऑर्थो सर्जन अजीत पंवार

क्या कहता है कानून
श्रम कानून सलाहाकर सतेंद्र सिंह ने बताया कि श्रम कानूनों के अनुसार कोई भी नियोक्ता अपने कर्मचारी को लगातार खड़े रहने के लिए नहीं कह सकता। फैक्ट्री में कर्मचारियों के लिए रेस्ट रूम अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। ऐसे ही मॉल, स्कूल, अस्पताल या किसी भी कमर्शल प्लेस पर कर्मचारी को काम नहीं होने पर बैठने का अधिकार है। कर्मचारी थकने पर आराम कर सकते हैं। इसके लिए शॉप एंड कमर्शल स्टेब्लिशमेंट एक्ट, फैक्ट्री एक्ट 1948, यूपी फैक्ट्री रूल्स 1950 और लेबल लॉ में प्रावधान किया गया हैं। लेबर लॉ का पालन नहीं करने या उल्लंघन करने पर जुर्माना और सजा या दोनों का प्रावधान है।

सांकेतिक तस्वीर