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Mainpuri case: मैनपुरी केस में इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश, 6 हफ्ते में पूरी करें जांच…डीजीपी से कहा- ‘स्वर्ग कहीं और नहीं है, सबको अपने कर्मों का फल यहीं भुगतान पड़ता है’

हाइलाइट्सनवोदय विद्यालय में एक बच्ची की हुई थी संदिग्ध परिस्थितियों में मौतपुलिस ने किया था दावा, बच्ची ने की आत्महत्याबच्ची की मां ने लगाया था आरोप कि बच्ची को पीटा गयाइलाहाबाद हाई कोर्ट में इस मामले को लेकर दायर की गई थी याचिकाप्रयागराज
यूपी के नवोदय विद्यालय परिसर में मैनपुरी की छात्रा की संदिग्ध हालात में मौत के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एसआईटी को 6 हफ्ते में जांच पूरी करने का आदेश दिया है। साथ ही कहा है कि जांच से अदालत और हाई कोर्ट की बार असोसिएशन को अवगत करवाया जाए। कोर्ट ने इस मामले में फटकार लगाते हुए कहा कि स्वर्ग कहीं और नहीं है। सबको अपने कर्मों का फल यहीं भुगतान पड़ता है।

हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि पीड़िता के माता-पिता को सुरक्षा भी मुहैया करवाई जाए। कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति एमएन भंडारी और न्यायमूर्ति एके ओझा की खंडपीठ ने ये आदेश गुरुवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए।

डीजीपी ने कहा, लापरवाह अधिकारियों को किया सस्पेंड
सुनवाई के दौरान यूपी के डीजीपी मुकुल गोयल और एसआईटी के सदस्य कोर्ट में पेश हुए। डीजीपी ने अदालत को बताया कि एसआईटी की नई टीम बनाई गई है। इसमें अनुभवी अधिकारियों को शामिल किया गया है। जांच में लापरवाही बरतने पर एएसपी, डिप्टी एसपी और आईओ को सस्पेंड कर दिया गया है।

मैनपुरी के तत्कालीन रिटायर्ड एसपी के सेवानिवृत्ति लाभ का भुगतान रोक दिया गया है। उन्हें केवल प्रोविजनल पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। इसके बाद हाई कोर्ट ने डीजीपी समेत सभी उपस्थित पुलिस अधिकारियों की हाजिरी माफ कर दी।

प्रयागराज में ही डीजीपी को रोका था
आपको बता दें कि बुधवार को भी डीजीपी कोर्ट के समक्ष पेश हुए थे। केस संबंधी सवालों के माकूल जवाब न दे पाने के कारण कोर्ट ने उन्हें प्रयागराज में ही रोक लिया था और कहा था कि फाइल पढ़कर अदालत आइए।

यह है पूरा मामला
16 सितंबर, 2019 को 16 वर्षीय छात्रा जवाहर नवोदय स्कूल में फांसी पर लटकती मिली थी। पुलिस ने शुरू में दावा किया था कि आत्महत्या का मामला है। दूसरी ओर उसकी मां ने आरोप लगाया था कि उसे परेशान किया गया, पीटा गया और जब वह मर गई तो उसे फांसी के फंदे पर लटका दिया गया।

सांकेतिक चित्र