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बच्चो..! स्कूल पढ़ने आओ और डेंगू घर ले जाओ

3.26 लाख के लगभग बच्चे पढ़ रहे हैं बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में
2.0 लाख के लगभग माध्यमिक विद्यालयों में है विद्यार्थियों की संख्या
बरेली। डेंगू और मलेरिया से जूझ रहे जिले में सबसे ज्यादा खतरा बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों बच्चों पर मंडरा रहा है। गांव तो गंदगी से अटे ही हुए हैं, ज्यादातर स्कूलों के भी अंदर और बाहर बेतहाशा गंदगी के अंबार लगे हुए हैं। तमाम स्कूलों का रास्ता पानी में डूबा है जहां मच्छर पनप रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के अफसरों के गांव-गांव और घर-घर सफाई और एंटी लार्वा के छिड़काव के दावों पर सवाल उठाते हुए शिक्षक संगठनों ने इस स्थिति को हजारों बच्चों के लिए खतरे की घंटी बताया है।
जिले में मलेरिया और डेंगू का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। मलेरिया के अब तक एक हजार से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं, डेंगू के मरीजों की भी संख्या हर रोज बढ़ रही है। सरकारी और निजी अस्पतालों में बुखार के मरीजों की भरमार है। इसके बावजूद न तो डेंगू की जांच के लिए सरकारी स्तर पर इंतजाम हैं न इन दोनों संक्रामक बीमारियों से रोकथाम के। बरसात का मौसम होने की वजह से गांवों की हालत बेहद खराब है। सबसे ज्यादा खतरा स्कूलों में है जहां बच्चों को मच्छरों से बचाने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है। शिक्षक नेताओं का कहना है कि डेंगू और मलेरिया के भीषण प्रकोप के बावजूद स्कूलों के बाहर न सफाई कराई जा रही है न एंटी लार्वा का स्प्रे कराया जा रहा है। बच्चों के लिए यह स्थिति घातक हो सकती है।
निर्देश जारी कर दिए हैं…
शिक्षक नेताओं का दावा, न कहीं सफाई न फागिंग
रुटिया प्राइमरी स्कूल, मझगंवा
मझगंवा ब्लॉक के रुटिया प्राइमरी स्कूल का रास्ता तक नहीं बना है। कच्चा रास्ता बारिश के बाद खेत में ही मिल गया है। बच्चे खेत से होते हुए या फिर पगडंडी से जाते हैं। स्कूल स्टाफ कई बार प्रशासन से रास्ता बनाने की गुहार लगा चुका है लेकिन कोई नहीं सुन रहा है।
पनवड़िया स्कूल, फतेहगंज
फतेहगंज पनवड़िया स्कूल के बाहर गेट के सामने ही गोबर डाला जा रहा है। स्कूल आने वाले रास्ते पर भीषण गंदगी है। लोगों का कहना है कि शिकायत के बावजूद ग्राम प्रधान भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। गंदगी के इन्हीं ढेरों की वजह से बीमारियां फैल रही हैं।
सिमरिया ढालेरान स्कूल, मीरगंज
ब्लॉक मीरगंज के प्राथमिक विद्यालय सिमरिया ढालेरान में आने वाला रास्ता बना नहीं है। बारिश की वजह से यहां रास्ते पर भीषण कीचड़ हो गया है। स्कूल आने वाले बच्चे मजबूरी में इसी कीचड़ से गुजरते हैं। अधिकारी कई बार निरीक्षण करने इस स्कूल में आए लेकिन रास्ता बनवाने की जहमत किसी ने नहीं उठाई।
कासमपुर प्राइमरी स्कूल, बहेड़ी
बहेड़ी ब्लॉक के कासमपुर प्राइमरी स्कूल को जाने वाले रास्ते की हालत इतनी ज्यादा खराब है कि यहां बच्चों की साइकिल रोज कीचड़ में फंसती है। एक साइकिल को निकालने के लिए दो बच्चों को जोर लगाना पड़ता है। कई बार बच्चे यहां कीचड़ में गिर भी जाते हैं।
सेंधा स्कूल, आलमपुर जाफराबाद
आलमपुर जाफराबाद के प्राथमिक विद्यालय सेंधा में स्कूल जाने के रास्ते पर जलभराव रहता है। सड़क बीच में कई हिस्सों पर टूट चुकी है। उसके बाद भी यहां सड़क मरम्मत नहीं कराई गई है। नतीजतन बच्चे यहां से पैदल नहीं गुजर पाते हैं, सड़क के किनारे या नाली की किनारी पर चढ़कर निकलते हैं।