कानपुर में नमी और सड़कों से उठने वाली धूल की वजह से प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। धूल और धुएं के हानिकारक कण हवा में एकत्र हो रहे हैं। इस वजह से सुबह का वातावरण जहरीला होता जा रहा है। ऐसी स्थिति में मार्निंग वाक करना हानिकारक हो सकता है। सबसे खराब स्थिति नेहरू नगर क्षेत्र की रही।
यहां एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 556 पर पहुंच गया। बाकी क्षेत्र भी रेड जोन को पार कर चुके हैं। पिछले तीन दिनों से प्रदूषण बढ़ने की जो स्थिति सामने आई है, उसमें सुबह के समय प्रदूषण की मात्रा तेजी से बढ़ रही है। इसकी वजह रात में पड़ने वाली शीत और नमी है। दरअसल जमीन से उठने वाले कण ऊपर जाकर नमी में मिलकर एक परत बना लेते हैं। ऐसे में पूरा वातावरण धुंध की तरह हो जाता है। ऐसे वातावरण में देर तक रहने से घुटन महसूस होने लगती है। मंगलवार को हवा में नमी की मात्रा दो प्रतिशत बढ़कर 96 प्रतिशत हो गई।
एक दिन में 96 एक्यूआई की बढ़त
शहर के बीचों बीच प्रदूषण की मात्रा में 96 एक्यूआई की बढ़ोतरी हुई है। नेहरूनगर के 500 मीटर के दायरे में एक दिन पहले एक्यूआई 460 था, जो मंगलवार को 556 हो गया। बाकी स्थानों पर भी बढ़त दर्ज की गई है।
100 के करीब पहुंची हवा की नमी, इसलिए बढ़ा प्रदूषण
पिछले कई दिनों से हवा में नमी की मात्रा में तेजी से बढ़ रही है। मंगलवार को यह 100 प्रतिशत के करीब (98 प्रतिशत) तक पहुंच गई। मंगलवार को इसमें दो प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार वातावरण में जितनी अधिक नमी और ओस रहेगी, उतना प्रदूषण रहेगा। जमीन से उठकर प्रदूषित कण नमी में मिलकर एक परत के रूप में करीब तीन किलोमीटर ऊपर जमा हो जाते हैं। इसकी वजह से प्रदूषण मापक मीटर में प्रदूषित कणों की संख्या बड़ी नजर आती है।
प्रदूषण रोकने को उदासीनता
शहर में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और इससे जुड़े विभाग पूरी तरह से निष्क्रिय हैं। प्रदूषण रोकने को लेकर हर महीने होने वाली जिला प्रशासन की बैठक भी टाली जा रही है। प्रदूषण के लिए जिम्मेदार विभागों में पीसीबी, नगर निगम, केडीए, पीडब्लूडी, जल निगम, सिंचाई विभाग, आवास विकास विभाग, केस्को सहित कई अन्य विभाग शामिल हैं। इन सभी की मानीटरिंग जिला प्रशासन करता है।
कानपुर में एक्यूआई
नेहरू नगर क्षेत्र 556
आईआईटी क्षेत्र 436
किदवई नगर क्षेत्र 349
एनएसआई कल्याणपुर-379
दिल्ली का एक्यूआई
नॉर्थ कैंपस दिल्ली यूनीवर्सिटी- 448
पंजाबी बाग दिल्ली- 423
बरतें एहतियात
– बाहर निकलने पर सामान्य मेडिकल मास्क लगाएं।
– सुबह की सैर के लिए न निकलें। बीमार, वृद्ध और बच्चे सुबह-शाम बाहर न घूमें। घर में ही योगाभ्यास और प्राणायाम करें।
– खुले में व्यायाम न करें। खुले में जल्दी-जल्दी सांस लेने से प्रदूषण के तत्व फेफड़ों में अधिक मात्रा में चले जाते हैं। इसलिए घर या जिम में व्यायाम करें।
– पीने के लिए नियमित रूप से गुनगुना पानी लें। खानपान सादा रखें और समय से भोजन लें।
कानपुर में नमी और सड़कों से उठने वाली धूल की वजह से प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। धूल और धुएं के हानिकारक कण हवा में एकत्र हो रहे हैं। इस वजह से सुबह का वातावरण जहरीला होता जा रहा है। ऐसी स्थिति में मार्निंग वाक करना हानिकारक हो सकता है। सबसे खराब स्थिति नेहरू नगर क्षेत्र की रही।
यहां एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 556 पर पहुंच गया। बाकी क्षेत्र भी रेड जोन को पार कर चुके हैं। पिछले तीन दिनों से प्रदूषण बढ़ने की जो स्थिति सामने आई है, उसमें सुबह के समय प्रदूषण की मात्रा तेजी से बढ़ रही है। इसकी वजह रात में पड़ने वाली शीत और नमी है। दरअसल जमीन से उठने वाले कण ऊपर जाकर नमी में मिलकर एक परत बना लेते हैं। ऐसे में पूरा वातावरण धुंध की तरह हो जाता है। ऐसे वातावरण में देर तक रहने से घुटन महसूस होने लगती है। मंगलवार को हवा में नमी की मात्रा दो प्रतिशत बढ़कर 96 प्रतिशत हो गई।
एक दिन में 96 एक्यूआई की बढ़त
शहर के बीचों बीच प्रदूषण की मात्रा में 96 एक्यूआई की बढ़ोतरी हुई है। नेहरूनगर के 500 मीटर के दायरे में एक दिन पहले एक्यूआई 460 था, जो मंगलवार को 556 हो गया। बाकी स्थानों पर भी बढ़त दर्ज की गई है।
100 के करीब पहुंची हवा की नमी, इसलिए बढ़ा प्रदूषण
पिछले कई दिनों से हवा में नमी की मात्रा में तेजी से बढ़ रही है। मंगलवार को यह 100 प्रतिशत के करीब (98 प्रतिशत) तक पहुंच गई। मंगलवार को इसमें दो प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार वातावरण में जितनी अधिक नमी और ओस रहेगी, उतना प्रदूषण रहेगा। जमीन से उठकर प्रदूषित कण नमी में मिलकर एक परत के रूप में करीब तीन किलोमीटर ऊपर जमा हो जाते हैं। इसकी वजह से प्रदूषण मापक मीटर में प्रदूषित कणों की संख्या बड़ी नजर आती है।
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