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UP Election 2022 : आज शाहजहांपुर में सत्ता का संग्राम, युवाओं, महिलाओं और आम वोटर्स के मन की बात सुनेंगे, नेताओं से होंगे सवाल

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सात प्रमुख जिलों से होते हुएचुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ आज शाहजहांपुर पहुंचेगा। धार्मिक महत्व रखने वाले इस छोटे जिले की राजनीति की चर्चाएं पूरे प्रदेश में होती हैं। ऐसे में इस बार शाहजहांपुर के लोग विधानसभा चुनाव को लेकर क्या सोच रहे हैं? लोगों के मुद्दे क्या होंगे? ‘सत्ता के संग्राम” कार्यक्रम के जरिए हम इन्हीं सवालों का जवाब आम लोगों, महिलाओं, युवाओं और नेताओं से जानने की कोशिश करेंगे।

शाहजहांपुर में छह विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें पांच सीटों पर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं, जबकि एक सीट पर समाजवादी पार्टी के विधायक ने जीत हासिल की है। 2017 के आंकड़ों के अनुसार पूरे जिले में 20 लाख 37 हजार से ज्यादा वोटर्स हैं। इनमें 12 लाख 46 हजार वोटर्स ने पिछली बार चुनाव में वोट डाला था। सबसे ज्यादा 5.38 लाख वोट भाजपा और 3.39 लाख सपा के पक्ष में पड़े।

धार्मिक और राजनीतिक रूप से समृद्ध शाहजहांपुर में इस बार विधानसभा चुनाव के क्या मुद्दे होंगे? युवा, महिलाएं और नौकरीपेशा वाले लोग क्या सोचते हैं? विकास, स्वास्थ्य, रोजगार, महिला सुरक्षा, महंगाई जैसे मुद्दों पर आम लोगों की क्या राय है?

ये सब हम ‘सत्ता का संग्राम’ कार्यक्रम के जरिए जानने की कोशिश करेंगे। आपके पास भी इस मंच से जुड़ने का अच्छा मौका है। इसके जरिए आप अपने क्षेत्र, शहर, राज्य और देश के हर मुद्दों को उठा पाएंगे। आप बता पाएंगे कि आने वाले चुनाव में नेताओं और राजनीतिक दलों से आपको क्या उम्मीदें हैं? किन मसलों को लेकर आप वोट करेंगे और नेताओं से आप क्या चाहते हैं?

धार्मिक रूप से शाहजहांपुर काफी समृद्ध है। यहां 300 साल पहले बना राजराजेश्वरी माता का मंदिर और करेड़ी माता का मंदिर प्रमुख आस्था का केंद्र है। जैन धर्म के अनुयायियों के लिए भी शाहजहांपुर धार्मिक स्थल है। यहां 2000 साल पुराना पार्श्वनाथ मंदिर है। मंदिर की सभी दीवारें गीली रहती हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां कभी भी चोरी संभव नहीं है।

अब तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सात जिलों में ‘ यह कार्यक्रम हो चुका है। गाजियाबाद से शुरू हुआ ‘सत्ता का संग्राम’ मुरादाबाद, रामपुर, अमरोहा, बरेली और बदायूं से होते हुए पीलीभीत तक पहुंचा चुका है। अब अगला पड़ाव शाहजहांपुर होगा।

‘सत्ता का संग्राम’ में क्या होगा खास?
चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ के तहत  हर वर्ग के मतदाताओं तक पहुंचेगा। महिलाओं-युवाओं से संवाद होगा और राजनीतिक हस्तियों से सीधे सवाल पूछे जाएंगे। आपको एक मंच दे रहा है, जहां आप बातों को रख सकेंगे, ताकि जब राजनीतिक हस्तियां चुनावी रैलियां करने आएं तो उन्हें आपसे जुड़े जमीनी मुद्दे भी याद रहें।

विशेष प्रोत्साहन की व्यवस्था
‘सत्ता का संग्राम’ से जुड़े कार्यक्रमों में जमीनी स्तर पर हिस्सा लेने वाले दर्शकों और श्रोताओं के लिए विशेष प्रोत्साहन की भी व्यवस्था की गई है।

अखबार और amarujala.com पर आपको कार्यक्रम स्थल की जानकारी मिलेगी।
‘सत्ता का संग्राम’ से जुड़ा व्यापक जमीनी कवरेज आप अखबार में पढ़ सकेंगे।
amarujala.com पर आप कार्यक्रमों को लाइव देख सकेंगे।
सभी कार्यक्रम डिजिटल के फेसबुक पेज और यू-ट्यूब चैनल पर भी देखे जा सकेंगे।
इन सभी कार्यक्रमों के जरिए दर्ज होने वाली जनता की आवाज विशेष रूप से  पॉडकास्ट “आवाज” पर भी उपलब्ध रहेगी।

शाहजहांपुर में छह विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें पांच सीटों पर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं, जबकि एक सीट पर समाजवादी पार्टी के विधायक ने जीत हासिल की है। 2017 के आंकड़ों के अनुसार पूरे जिले में 20 लाख 37 हजार से ज्यादा वोटर्स हैं। इनमें 12 लाख 46 हजार वोटर्स ने पिछली बार चुनाव में वोट डाला था। सबसे ज्यादा 5.38 लाख वोट भाजपा और 3.39 लाख सपा के पक्ष में पड़े।

धार्मिक और राजनीतिक रूप से समृद्ध शाहजहांपुर में इस बार विधानसभा चुनाव के क्या मुद्दे होंगे? युवा, महिलाएं और नौकरीपेशा वाले लोग क्या सोचते हैं? विकास, स्वास्थ्य, रोजगार, महिला सुरक्षा, महंगाई जैसे मुद्दों पर आम लोगों की क्या राय है?

ये सब हम ‘सत्ता का संग्राम’ कार्यक्रम के जरिए जानने की कोशिश करेंगे। आपके पास भी  इस मंच से जुड़ने का अच्छा मौका है। इसके जरिए आप अपने क्षेत्र, शहर, राज्य और देश के हर मुद्दों को उठा पाएंगे। आप बता पाएंगे कि आने वाले चुनाव में नेताओं और राजनीतिक दलों से आपको क्या उम्मीदें हैं? किन मसलों को लेकर आप वोट करेंगे और नेताओं से आप क्या चाहते हैं?

शाहजहांपुर में क्या है खास?

धार्मिक रूप से शाहजहांपुर काफी समृद्ध है। यहां 300 साल पहले बना राजराजेश्वरी माता का मंदिर और करेड़ी माता का मंदिर प्रमुख आस्था का केंद्र है। जैन धर्म के अनुयायियों के लिए भी शाहजहांपुर धार्मिक स्थल है। यहां 2000 साल पुराना पार्श्वनाथ मंदिर है। मंदिर की सभी दीवारें गीली रहती हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां कभी भी चोरी संभव नहीं है।

अब तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सात जिलों में यह कार्यक्रम हो चुका है। गाजियाबाद से शुरू हुआ ‘सत्ता का संग्राम’ मुरादाबाद, रामपुर, अमरोहा, बरेली और बदायूं से होते हुए पीलीभीत तक पहुंचा चुका है। अब अगला पड़ाव शाहजहांपुर होगा।

चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ के तहत  हर वर्ग के मतदाताओं तक पहुंचेगा। महिलाओं-युवाओं से संवाद होगा और राजनीतिक हस्तियों से सीधे सवाल पूछे जाएंगे।  आपको एक मंच दे रहा है, जहां आप बातों को रख सकेंगे, ताकि जब राजनीतिक हस्तियां चुनावी रैलियां करने आएं तो उन्हें आपसे जुड़े जमीनी मुद्दे भी याद रहें।

‘सत्ता का संग्राम’ से जुड़े कार्यक्रमों में जमीनी स्तर पर हिस्सा लेने वाले दर्शकों और श्रोताओं के लिए विशेष प्रोत्साहन की भी व्यवस्था की गई है।

अखबार और amarujala.com पर आपको कार्यक्रम स्थल की जानकारी मिलेगी।
‘सत्ता का संग्राम’ से जुड़ा व्यापक जमीनी कवरेज आप अखबार में पढ़ सकेंगे।
amarujala.com पर आप कार्यक्रमों को लाइव देख सकेंगे।
सभी कार्यक्रम  डिजिटल के फेसबुक पेज और यू-ट्यूब चैनल पर भी देखे जा सकेंगे।
इन सभी कार्यक्रमों के जरिए दर्ज होने वाली जनता की आवाज विशेष रूप से  पॉडकास्ट “आवाज” पर भी उपलब्ध रहेगी।

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