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Editorial:स्वदेशी हथियारों से दुश्मनों को जवाब देने में सक्षम भारतीय सेना इसका श्रेय पीएम मोदी की आत्मनिर्भर भारत मुहीम को जाता है

19-nov-2021

पीएम मोदी के नेतृत्व में एयरफोर्स में आत्मनिर्भर भारत का कमाल, देश को दुनिया के सबसे ताकतवर हेलिकॉप्टर की मिलेगी सौगात। कल झांसी में बड़े कार्यक्रम में पीएम मोदी देश को सौंपेंगे, लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर। मोदी सरकार भारतीय सेनाओं को सशक्त बनाने के लिए हर वो फैसले ले रही है , जो विदेशों पर हथियारों के लिए देश की निर्भरता कम करेंगे। इसी कड़ी में हल्के स्वदेशी अटैक हेलिकॉप्टरों की सौगात भारतीय सेना को मिलने जा रही है। लेह से लेकर लद्दाख और कारगिल से लेकर सियाचिन ग्लेसियर तक, दुशमनों के किसी भी खतरे से निपटने के लिए इन हल्के हेलीकॉप्टरों को बेहद कामयाब बताया जा रहा है।

सेना को लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टरों की ताकत 

हल्का स्वदेशी अटैक हेलिकॉप्टर चीन और पाकिस्तान दोनों के खतरे से निपटने में बेहद असरदार बताया जा रहा है। पीएम मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत के तहत आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में स्वदेशीकरण पर जोर दिया जा रहा है। DRDO और HAL देश को एक से बढ़कर एक स्वदेशी हथियारों की सौगात देने में जुटे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी झांसी में सेना को ड्रोन और एडवांस इलेक्टॉनिक वॉरफेयर सूट की भा सौगात देंगे । स्वतंत्रता दिवस के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव पर्व मनाया जा रहा है, इसी के साथ भारतीय सेना में आत्मनिर्भर भारत का सपना भी तेजी से पूरा हो रहा है। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश की सैन्य ताकत को बढ़ाने के लिए लगातार बड़े और साहसिक फैसले कर रहे हैं। वहीं भारतीय वैज्ञानिक भी सेना को मजबूत करने के लिए एक के बाद एक नई इबारतें लिख रहे हैं। चीन के साथ सीमा पर चल रहे टकराव के बीच भारत ने अपनी मिसाइल टेक्नोलॉजी की क्षमता का जबरदस्त प्रदर्शन किया है। बुधवार (27 अक्टूबर, 2021) को ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप से अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण कर बड़ी कामयाबी हासिल की। न्यूक्लियर वॉरहेड ले जाने में सक्षम यह मिसाइल 5 हजार किलोमीटर दूरी तक लक्ष्य साधने की क्षमता रखती है।


इस मिसाइल की रेंज में चीन और पाकिस्तान के सभी शहर सहित पूरा एशिया आएगा। इसलिए चीन भी इससे घबराता है। इस मिसाइल के सेना में शामिल होने के बाद भारत दुनिया के उन एलीट देशों में शामिल हो जाएगा, जिनके पास न्यूक्लियर हथियारों से लैस इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें हैं। डीआरडीओ के रिसर्च सेंटर इमारत, एडवांस्ड सिस्टम लैबोरेटरी और डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैबोरेटरी ने मिलकर इसे तैयार किया है। इस मिसाइल के अब तक 8 परीक्षण हो चुके हैं और सभी सफल रहे हैं। अब स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड में इसके शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है।