तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब मोदी सरकार ने आंदोलनकारी किसानों की एक और मांग मान ली है। मोदी सरकार ने एलान किया है कि किसान अगर खेतों में पराली जलाएंगे, तो उसे अपराध नहीं माना जाएगा। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ये एलान किया। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों ने पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से बाहर करने की मांग की थी। इस मांग को अब सरकार ने मान लिया है। तोमर ने बताया कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा के बाद अब आंदोलन खत्म हो जाना चाहिए। उन्होंने किसानों से घर जाने का आग्रह किया। कृषि मंत्री ने बताया कि संसद के सत्र के पहले दिन ही कृषि कानून रद्द करने वाला बिल पेश किया जाएगा।
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को कृषि कानूनों को रद्द करने का एलान किया था। उन्होंने तब भी किसानों से आंदोलन खत्म कर घरों को लौट जाने की अपील की थी। पीएम ने कहा था कि वो देश से माफी मांगते हैं कि किसानों को कानून के फायदे समझा नहीं सके। मोदी ने ये भी कहा था कि किसानों के हित में कानून लाए थे, लेकिन देश के हित में इन्हें सरकार वापस ले रही है।किसान संगठनों ने मोदी की अपील और एलान पर सकारात्मक रुख नहीं दिखाया है। उन्होंने आंदोलन जारी रखने की बात कही है। साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर कानून बनाने की मांग भी किसान नेता कर रहे हैं। इसके अलावा 29 नवंबर को 60 ट्रैक्टरों के साथ 1000 किसानों के संसद तक मार्च करने का एलान भी किसान संगठनों ने कर रखा है।
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