आगरा में वजीरपुरा स्थित अकबरी चर्च उत्तर भारत का सबसे पहले चर्च है। जिसका निर्माण 1599 में मुगल बादशाह अकबर ने लाहौर से आए पादरी जेसुइट जेविरयर से शुरू कराया और 1600 में पूरा हुआ था। इसके करीब 63 साल बाद ईसाईयों का शहर में आगमन हुआ। शहर के चर्च में अकबरी चर्च का खास महत्व है। अकबरी चर्च बनने के बाद शहजादा सलीम जिसे बाद में जहांगीर के नाम से जाना गया ने चर्च को विशाल स्वरूप प्रदान किया। चर्च के लिए अतिरिक्त धन व जमीन दी। मुगल शासन में यह ईसाईयों का पहला चर्च था। एक बार इस चर्च में आग लगने के कारण भारी नुकसान हुआ। फिर इस चर्च को दोबारा बनाया गया। सन 1635 में पुर्तगालियों व मुगलों में मतभेद हुए। जिसके कारण इस चर्च को गिरा दिया गया। जिसके बाद तीसरी बार जहांगीर ने पादरी जस्ट वेट से पुन: चर्च का निर्माण कराया। इस तरह दो शताब्दियों तक चर्च कई उतार-चढ़ाव से गुजरता रहा है।
अकबर चर्च
आक्रमणकारी अहमद शाह अब्दाली ने भी चर्च को क्षति पहुंचाई थी। आगरा महाधर्म प्रांत के आध्यात्मिक निदेशक फादर मून लाजरस ने बताया कि यह चर्च देश के प्राचीन चर्च में से एक है। इसके पीछे ईसाई कब्रिस्तान है। फादर ने बताया कि मुगल काल में चर्च में लगे घंटे की आवाज पूरे शहर में गूंजती थी। कई बार विध्वंस के बावजूद इसका वजूद जिंदा है।
प्रभु यीशु के आगमन के उत्सव की तैयारियां पूरी हो गई है। गिरजाघरों, मसीही संस्थानों और घरों में चरनी की झांकियां, क्रिसमस ट्री की सजावट की गई। प्रभु यीशु का जन्म शुक्रवार को मध्य रात्रि 12 बजे होगा। प्रभु यीशु के जन्म लेने की घोषणा चर्च के घंटे-घड़ियाल बजाकर की जाएगी। मुख्य समारोह वजीरपुरा स्थित निष्कलंक माता महागिरजाघर (सेंट पीटर्स) और छावनी के कथीड्रल गिरजाघर में होगा। प्रार्थना सभाएं कोविड प्रोटोकॉल के तहत आयोजित की जाएंगी।
शुक्रवार रात 12 बजे प्रभु के जन्म लेते ही केक काटकर जश्न की शुरुआत होगी। इससे पहले गिरजाघरों में सेंट पीटर्स चर्च में आर्च बिशप डॉ. राफी मंजलि के नेतृत्व में पुरोहित रात्रि 11 बजे से धर्मविधियां शुरू कर देंगे। रात्रि 12 बजे चर्च के घंटे बजाकर प्रभु के जन्म का एलान किया जाएगा। इस मौके पर प्रमुख गिरजाघरों में उनके जन्म की धर्मविधियों के साथ ही बधाई गायन होगा। मुख्य प्रार्थनाएं 25 दिसंबर की सुबह होंगी। पादरी टोला में घर-घर में झांकियां सजाई गई हैं।
माता निष्कलंक गिरिजाघर
आज होने वाले कार्यक्रम
गिरजाघर 24 दिसंबर 25 दिसंबर
सेंट पीटर्स चर्च रात्रि 11 बजे सुबह 9:00, शाम 5:00
सेंट मेरीज चर्च शाम 7:00 बजे सुबह 7:00 बजे
सेंट पैट्रिक्स चर्च रात्रि 11:00 बजे सुबह 9:00 बजे
सेंट जूड चर्च रात्रि 8:30 बजे सुबह 8:30 बजे
सेंट थॉमस चर्च शाम 7:00 बजे सुबह 9:00 बजे
हैैवलॉक चर्च रात्रि 11:00 बजे सुबह 9:30 बजे
बैपटिस्ट चर्च रात्रि 11:30 बजे सुबह 9:30 बजे
सेंट जोंस चर्च रात्रि 11:00 बजे सुबह 11.00 बजे
सेंट जोंस चर्च सिंकदरा 10:00 बजे सुबह 10:00 बजे
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