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Agra News: यह सिस्टम की मौत है! एक नाले के लिए 83 द‍िन से धरना दे रही महिला ने ठंड से तोड़ा दम

सुनील साकेत, आगरा
आंदोलन… सत्‍याग्रह की वह लाठी, ज‍िसके बल पर महात्‍मा गांधी ने पूरे देश में आजादी की अलख जगाई और अंग्रेजों को देश से भागना पड़ा। तभी से सत्‍याग्रह के इस हथ‍ियार को सबने अपनाया और सफलता पाई। लेक‍िन यूपी के आगरा ज‍िले में सत्‍याग्रह कर रही एक मह‍िला की 83 द‍िनों बाद मौत हो गई। इसके बावजूद आगरा ज‍िला प्रशासन की नींद नहीं टूटी। 83 द‍िनों तक आंदोलन कर रही मह‍िला की मांग स‍िर्फ इतनी थी क‍ि उसके इलाके में नाले और रोड का न‍िर्माण कराया जाए। लेक‍िन सोते स‍िस्‍टम ने इतना करना भी जरूरी नहीं समझा। भीषण ठंड के बीच आंदोलन कर रहीं रानी की रव‍िवार को मौत हो गई।

महिला की मौत के बाद लोगों का गुस्‍सा फूट पड़ा। सूचना पर प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों की मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही अधिकारियों ने मृतका के परिजनों को आर्थिक सहायता देने का भी ऐलान क‍िया है। जानकारी के मुताब‍िक, आगरा के अकोला ब्लॉक धनौली में सिरौली मार्ग की हालत बेहद खस्ता है। आने-जाने में लोगों को खासी दिक्कतें हो रही हैं।

13 अक्टूबर से द‍िया जा रहा धरना
नाला और सड़क निर्माण की मांग को लेकर 13 अक्टूबर से धनौली में धरना दिया जा रहा है। करीब 83 दिनों से धरना चल रहा है। इस धरने में आसपास की महिला और अन्‍य लोग शामिल हैं। विकास नगर की रहने वाली रानी देवी 55 वर्ष पत्नी मिठ्ठनलाल रोजाना धरना स्थल पर पहुंचती थीं। रविवार सुबह उनकी आंख नहीं खुली तो लोगों ने उन्हें जगाने का प्रयास किया। उनका शरीर ठंडा पड़ चुका था।

मृतका का दाह संस्कार
सामाजिक कार्यकत्री सावित्री चाहर ने बताया कि उन्होंने तत्काल एलआईयू और प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी सूचना दी। डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुंची और रानी देवी को मृत घोषित किया गया। अधिकारियों ने मृतका का पोस्टमॉर्टम कराया है। एसडीएम सदर लक्ष्मी सिंह, क्षेत्राधिकारी महेश कुमार आदि की मौजूदगी में मृतका का दाह संस्कार करवा दिया है।

चार साल से नहीं हो रही सुनवाई
सामाजिक कार्यकत्री सावित्री चाहर ने बताया कि वे पिछले चार साल से अधिकारियों के चक्कर काट रही हैं। कई बार विरोध प्रदर्शन किया है। जिलाधिकारी को भी ज्ञापन दिया है, लेकिन अफसरों ने कोई संज्ञान नहीं लिया। उन्होंने बताया कि सिरौली रोड का चाइल्‍ड कम्‍युन‍िटी सेंटर तक का मार्ग बेहद खराब हालात में है। रास्‍ते से गुजरने में लोगों को खासी मुश्किलें होती हैं।

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27 दिसंबर से भूख हड़ताल
सामाजिक कार्यकत्री सावित्री चाहर ने बताया कि 83 दिनों से धनौली में धरना दिया जा रहा है। मांगे नहीं मानी जाने पर 27 दिसंबर से भूख हड़ताल शुरू कर दी। सावित्री देवी, मनमोहन, आशा और कोमल भूख हड़ताल पर थे। 31 दिसंबर को तबियत बिगड़ गई और अस्पताल पहुंचाया गया। अफसरों के आश्वासन पर भूख हड़ताल समाप्त कर दी।