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Editorial: पंजाब में खालिस्तान प्रेमियों पर शिकंजा कसना जरूरी

8-1-2022

चाहे कोई भी राजनीतिक दल सत्ता में क्यों न हो, देश के मुखिया नरेंद्र मोदी की सुरक्षा सर्वोपरि हैं। 5 दिसंबर को, पंजाब में एक विरोध प्रदर्शन के कारण पीएम मोदी का काफिला 15 मिनट से अधिक समय तक फ्लाईओवर पर फंसा रहा।पीएम मोदी को बुधवार को अपनी फिरोजपुर रैली को छोडऩे के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि राज्य में आने के बाद उनकी सुरक्षा से समझौता किया गया था। फिरोजपुर में, मंच पर एक घोषणा की गई कि उनकी यात्रा “किसी कारण से” रद्द कर दी गई है।
खालिस्तानियों ने प्रधानमंत्री मोदी को लेकर पहले भी अपना नकारत्मक पक्ष दिखाया था और एक वीडियो के माध्यम से प्रधानमंत्री के लिए अपशब्द का भी प्रयोग किया था। गौरतलब है कि एक एनिमेटेड संगीत वीडियो “फिर देखागे” जिसका गायक सिमु ढिल्लॉन स्पष्ट रूप से कहता है कि कैसे ‘जट्टÓ नरेंद्र मोदी का इलाज करेंगे। वह न सिर्फ भिंडरवाले को संत बताता है बल्कि प्रधामन्त्री के लिए अपशब्दों का प्रयोग भी करता हैं । लेकिन दिलचस्प हिस्सा वास्तव में गीत नहीं हैं बल्कि वे दृश्य हैं वीडियो के जिसमें पीएम मोदी एक लिमोज़ीन में अपने निवास से प्रस्थान करते दिखाए गए हैं। हालांकि, कुछ दूरी की यात्रा करने के बाद, प्रधान मंत्री – जो केसरिया कोट पहने हुए हैं तभी वहां उनको ‘जट्टÓ द्वारा सड़क की नाकाबंदी का सामना करना पड़ता है जो अपने ट्रैक्टरों के ऊपर हैं, और मोटी छड़ें के साथ दिखाई दे रहे हैं।
इस गाने में प्रधान मंत्री और उनके सुरक्षा कर्मियों को भागते हुए दिखाया गया है जो निंदनीय है । दरअसल सच्चाई यह है कि प्रधान मंत्री के सुरक्षा सैनिक कभी भी लड़ाई से नहीं भागते हैं। देश के प्रधानमंत्री को लेकर इस तरह के वीडियो बनाना खालिस्तानी समर्थकों की ओछी मानसिकता उजागर करता है।
कुछ समय पहले भी पंजाबी गायक और खलिस्तान समर्थक जैज़ी बी की गीत आई थी जिनमें किसानों के समर्थन के बारे में दर्शाया गया था जिसका शीर्षक ‘तीर पंजाब टनÓ या ‘तीर से पंजाबÓ था। जैज़ी बी, जो उन गायकों में शामिल थे, जब उन्होंने आंदोलनों में शामिल होने का फैसला किया जहां वो मोब जैसी सर्वोच्च भावनाओं को उत्तेजित कर रहे थे।
जैज़ी बी, जो कनाडा में पैदा हुए पंजाबी है, उनका दस से बारह साल पहले तक काफी नाम था जिसके बाद उनका स्टारडम गिरना शुरू हो गया थी। दरअसल, किसानों को भड़का कर जैज़ी बी एक बहुत ही खतरनाक खेल खेल रहा था। भारत आने का उसका मुख्य कारण अपने करियर को पुनर्जीवित करना था।
प्रधानमंत्री मोदी के फिऱोज़पुर घटना को लेकर अब खालिस्तानियों द्वारा खुलकर बयानबाजी की जा रही है। सिख फॉर जस्टिस आतंकवादी समूह के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक और आग लगाने वाला वीडियो जारी किया है जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धमकी देते हुए दावा किया है कि खालिस्तानी पंजाब को भारत से अलग करने के लिए तैयार हैं। पंजाब में सिखों को भारत का विरोध करने के लिए उकसाने के लिए पन्नू अक्सर यूट्यूब पर आग लगाने वाले वीडियो अपलोड करते हैं।
इस वीडियो में, उन्हें यह घोषणा करते हुए सुना जा सकता है कि 5 जनवरी को मुक्त खालिस्तान जनमत संग्रह आंदोलन शुरू हुआ और पंजाब के लोगों ने स्वतंत्रता की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है।
अपने आपत्तिजनक भाषण की ओर पीएम मोदी और भारत सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए पन्नू ने कहा कि मुक्त खालिस्तान जनमत संग्रह अभियान 5 जनवरी को शुरू हुआ जब ‘तिरंगवाले (भारतीय)Ó पंजाब से दिल्ली भाग गए, जब ‘खांडे और केसरी वाले (सिख)Ó को मजबूर किया गया।
भारत सरकार को परोक्ष रूप से धमकी देते हुए प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन प्रमुख ने कहा कि पंजाब ने आजादी की ओर पहला कदम बढ़ाया है। मोदी और उनकी सरकार को ध्यान देना चाहिए की जब “इंदिरा हथियारों के साथ पहुंची थी, तो पंजाब की जनता ने एहसान वापस कर दिया था” (पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या का जिक्र करते हुए)। उन्होंने आगे कहा, “आप सभी पंजाब में डर पैदा करने आए थे, लेकिन पंजाब के लोगों ने आपको चुपचाप घर लौटने के लिए मजबूर कर दिया।”
उन्होंने आगे कहा कि खालिस्तान जनमत संग्रह बम के बजाय वोटों पर आधारित है और वे वोट की इस शक्ति का उपयोग पंजाब को भारत के चंगुल से मुक्त करने के लिए करेंगे। पन्नू ने कहा कि पंजाब ने फैसला किया है कि पंजाब में जनमत संग्रह उस समय होगा जब पंजाब में 2022 में विधानसभा चुनाव होंगे।

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