सार
कोर्ट ने कहा है कि हलफनामे में स्पष्ट किया जाए कि अनापत्ति मौके का निरीक्षण करने के बाद ली गई है। याचिका की सुनवाई 17 फरवरी को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति एसके यादव की खंडपीठ ने दिया है।
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेसर्स रिलायंस जियो इंफोकॉम कंपनी की फाइबर ऑप्टिकल कंपनी को विद्युत पोल पर वाई फाई बूस्टर एम्प्लीफायर लगाने की पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की अनापत्ति के साथ हलफनामा दाखिल करना है।
कोर्ट ने कहा है कि हलफनामे में स्पष्ट किया जाए कि अनापत्ति मौके का निरीक्षण करने के बाद ली गई है। याचिका की सुनवाई 17 फरवरी को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति एसके यादव की खंडपीठ ने दिया है।
याची का कहना है कि भारतीय इलैक्ट्रिसिटी रूल 88(5)में सुरक्षा गाइडलाइंस दी गई है। जिसका कंपनी उल्लंघन कर रही है। अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त किए बिना विद्युत पोल पर केबल बिछाई जा रही है। इससे याची के एरिया की विद्युत आपूर्ति में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है।
कंपनी की तरफ से अधिवक्ता उदित चंद्रा ने कोर्ट को बताया कि पांच अप्रैल, 2021 के पत्र पर अमल किया गया है। निगम से अनुमति ली गई है। अनापत्ति भी प्राप्त कर ली गई है। इस पर कोर्ट ने अनापत्ति प्रमाणपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है।
यूपी जल निगम कर्मियों की तीन महीने में प्रोन्नति प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश जल निगम के शहरी और ग्रामीण कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची तैयार कर तीन महीने में खाली पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने विवेक सिंह व 16 अन्य की याचिका पर दिया है।
प्रतिवादी के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि जल निगम दो भागों में विभाजित किया गया है। जिससे प्रशासनिक कारणों से वरिष्ठता सूची तैयार नहीं हो सकी है। आपत्तियों का निस्तारण कर एक महीने में सूची तैयार कर ली जाएगी।
प्रदेश में चुनाव आचार संहिता के कारण प्रोन्नति कमेटी की बैठक मार्च, 2022 मे हो सकेगी। जब भी पदोन्नति प्रक्रिया शुरू होगी, याचियों पर भी विचार किया जाएगा। याचिका निस्तारित करते हुए कोर्ट ने पदोन्नति प्रक्रिया तीन महीने में पूरी करने का निर्देश दिया है।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेसर्स रिलायंस जियो इंफोकॉम कंपनी की फाइबर ऑप्टिकल कंपनी को विद्युत पोल पर वाई फाई बूस्टर एम्प्लीफायर लगाने की पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की अनापत्ति के साथ हलफनामा दाखिल करना है।
कोर्ट ने कहा है कि हलफनामे में स्पष्ट किया जाए कि अनापत्ति मौके का निरीक्षण करने के बाद ली गई है। याचिका की सुनवाई 17 फरवरी को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति एसके यादव की खंडपीठ ने दिया है।
याची का कहना है कि भारतीय इलैक्ट्रिसिटी रूल 88(5)में सुरक्षा गाइडलाइंस दी गई है। जिसका कंपनी उल्लंघन कर रही है। अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त किए बिना विद्युत पोल पर केबल बिछाई जा रही है। इससे याची के एरिया की विद्युत आपूर्ति में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है।
कंपनी की तरफ से अधिवक्ता उदित चंद्रा ने कोर्ट को बताया कि पांच अप्रैल, 2021 के पत्र पर अमल किया गया है। निगम से अनुमति ली गई है। अनापत्ति भी प्राप्त कर ली गई है। इस पर कोर्ट ने अनापत्ति प्रमाणपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है।
यूपी जल निगम कर्मियों की तीन महीने में प्रोन्नति प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश जल निगम के शहरी और ग्रामीण कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची तैयार कर तीन महीने में खाली पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने विवेक सिंह व 16 अन्य की याचिका पर दिया है।
प्रतिवादी के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि जल निगम दो भागों में विभाजित किया गया है। जिससे प्रशासनिक कारणों से वरिष्ठता सूची तैयार नहीं हो सकी है। आपत्तियों का निस्तारण कर एक महीने में सूची तैयार कर ली जाएगी।
प्रदेश में चुनाव आचार संहिता के कारण प्रोन्नति कमेटी की बैठक मार्च, 2022 मे हो सकेगी। जब भी पदोन्नति प्रक्रिया शुरू होगी, याचियों पर भी विचार किया जाएगा। याचिका निस्तारित करते हुए कोर्ट ने पदोन्नति प्रक्रिया तीन महीने में पूरी करने का निर्देश दिया है।
More Stories
BIG BREAKING: पत्नी-पति समेत 5 की हत्या कर खुद को गोलियों से उड़ाया, 6 की मौत
ब्रेकिंग न्यूज: टाटा स्टील के बिजनेस हेड की हत्या का मामला, गैंगस्टर में सब इंस्पेक्टर भी ध्वस्त
क्राइम : पति की सरकारी नौकरी वाली पत्नी ने बनाया प्लान, प्रेमी के साथ मिलकर निकाला मौत के घाट