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आज से 2 दिन बाद हमारा पूरा देश गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाएगा. वो दिन जब हर कोई उन वीर सपूतों को याद करता है, जिन्होंने भारतवर्ष को आजाद कराने के लिए अपनी जान लूटा दी और अपने खून को देश की मिट्टी में मिलाकर अमर हो गए. 26 जनवरी से पहले हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने एक ऐसे ही वीर सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) की विशाल प्रतिमा इंडिया गेट पर लगाने का ऐलान किया है. बता दें कि ये प्रतिमा कई मायने में खास होने वाली है. जिसके बारे में आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे.
जाहिर है ये प्रतिमा नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) की है, तो खास होना लाजमी है. इस मूर्ति को और खास बनाएगा इसमें इस्तेमाल किया गया पत्थर और बनाने वाले मूर्तिकार. जी हां, 28 फीट ऊंची इस प्रतिमा को ग्रेनाइट से तैयार किया जाएगा. जिसे ओडिशा से आने वाले मशहूर मूर्तिकार अद्वैत गडनायक तैयार करेंगे. नेताजी की ये प्रतिमा इंडिया गेट पर बनी छतरी के नीचे स्थापित की जाएगी.
बता दें कि मूर्तिकार अद्वैत को महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट पर दांडी मार्च मूर्तिकला के लिए जाना जाता है. इस मूर्ति को जिस ग्रेनाइट के पत्थर में उकेरा जाएगा, वह खासतौर से तेलंगाना के खम्मम जिले से लाया जाएगा. जहां से राष्ट्रीय पुलिस स्मारक के लिए पत्थर लाया गया था. अद्वैत ने दांडी मार्च के अलावा कई मूर्तियां उकेरी हैं. जिनमें राजघाट पर स्थापित महात्मा गांधी की मूर्ति, राष्ट्रपिता के ‘सॉल्ट मार्च’ की प्रतिमा और लंदन में स्थापित मूर्तियों समेत कई प्रतिमाएं शामिल हैं.
मूर्तिकार अद्वैत ने नेताजी (Subhash Chandra Bose) की मूर्ति बनाने को लेकर कहा, उन्हें काफी खुशी है कि प्रधानमंत्री ने उन्हें ये काम सौंपा. इस कार्य से नेताजी को उनके हक का सम्मान मिलेगा. साथ ही उन्होंने इस पर गर्व जताया कि नेताजी ओडिशा से आते हैं, ऐसे में उन्हें नेताजी की मूर्ति उकेरने का सम्मान मिला.इसके अलावा गडनायक ने प्रतिमा पर बात करते हुए कहा, जैसा कि नेताजी (Subhash Chandra Bose) काफी मजबूत चरित्र के थे. इसी वजह से ग्रेनाइट जैसा मजबूत पत्थर उनकी प्रतिमा के लिए चुना गया. वहीं, ग्रेनाइट का काला रंग महाकाली और भगवान कृष्ण की ऊर्जा से जोड़ता है.