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डीआइजी राजीव रंजन सेवानिवृत्त हुए, विदाई समारोह में जमशेदपुर से जुड़ाव को याद किया

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Jamshdpur : भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी और कोल्हान के डीआईजी रहे राजीव रंजन सिंह सोमवार 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो गये. अपने 36 वर्ष के कार्यकाल में उन्होंने व्याख्याता से लेकर डीआईजी तक का सफर तय किया. राजीव रंजन जमशेदपुर में डीएसपी, एसपी और कोल्हान डीआईजी के रूप में सेवा दे चुके हैं. जमशेदपुर वासियों के तो वे चहेते पुलिस अफसर रहे. राजीव रंजन का पैतृक निवास पलामू में है. शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने जेजे कॉलेज झुमरीतिलैया में व्याख्याता के रूप में 1986 से 1990 तक अध्यापन का काम किया. इसके बाद मध्यप्रदेश सरकार में 1991 से 1994 तक डिप्टी कलेक्टर के रूप में पदस्थापित रहे. लेकिन उनकी इच्छा पुलिस अफसर बनने की रही. उनके परिवार के कुछ सदस्य पुलिस विभाग में थे. इस वजह से उनका रुझान हमेशा से पुलिस अफसर बनने का रहा. वर्ष 1994 में उन्होंने बीपीएससी की परीक्षा पास की और उनका चयन बिहार पुलिस सेवा में हुआ.

कार्यकाल के आखिरी दिन अपने कार्यालय में राजीव रंजन सिंह.रांची में आयोजित हुआ विदाई समारोह

उनकी सबसे पहली पोस्टिंग वैशाली जिले में 1996 से 1997 तक डीएसपी के पद पर रही. बिहार में उन्हेंने गया के शेरघाटी और जहानाबाद में अपनी सेवा दी. 2003 से 2007 तक वह जमशेदपुर में सिटी डीएसपी के पद रहे. इसके बाद चतरा और हटिया में डीएसपी के पद पर सेवा दी.प्रमोशन होने के बाद राजीव रंजन 2011 से 2013 तक पुनः जमशेदपुर में रहे और यहां उन्होंने अपर पुलिस अधीक्षक और ग्रामीण एसपी पद पर उल्लेखनीय कार्य किया. 2013 से 2020 तक वह सिमडेगा, गोड्डा और पाकुड़ में एसपी के पद पर रहे. डीआईजी पद पर प्रमोशन मिलने के बाद 2020 से 2021 तक वह कोल्हान के DIG  रहे. वर्तमान में वह झारखंड सशस्त्र पुलिस (जैप) के डीआईजी के पद पर थे. 31 जनवरी को रांची में एक समारोह आयोजित कर उन्हें विदाई दी गयी.

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सेवाकाल में मिली चुनौतियों को याद किया

विदाई समारोह में राजीव रंजन ने उपस्थित पुलिस अधिकारियों को अपने अनुभव साझा किये. उन्होंने कहा कि सेवाकाल में उन्हें कई चुनौतियां का सामना करना पड़ा. जमशेदपुर में भी क्राइम के मामले में चुनौती मिली, तो 10 वर्ष तक सिमडेगा और चतरा में नक्सलियों से चुनौती का सामना करना पड़ा. लेकिन क्षेत्रवासियों और सहयोगी पुलिसकर्मियों के सहयोग और प्यार की बदौलत इन सभी चुनौतियों को वे पार कर गये. कोल्हान का डीआइजी रहते उन्होंने जमशेदपुर और सरायकेला-खरसावां में ड्रग्स सहित नशीले पदार्थों पर रोक लगाने के लिए एक मुहिम छेड़ी थी. आज भी दोनों जिले की पुलिस यह अभियान निरंतर चला रही है. उन्होंने कहा कि वैसे सभी जिले के लोगों से काफी लगाव है, लेकिन जमशेदपुर से कुछ खास है लगाव जुड़ा हुआ है जो हमेशा याद रहेगा.

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