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यूपी चुनाव 2022: ‘राजनीतिक गुरु’ के बेटे को चुनौती देंगे मोदी के मंत्री, रोचक है एसपी सिंह बघेल का सियासी सफर

आगरा से भाजपा सांसद एवं केंद्रीय राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल यूपी विधानसभा चुनाव में अपने राजनीतिक गुरु मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव को करहल विधानसभा क्षेत्र से चुनौती देंगे। प्रो. बघेल तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह की सुरक्षा में तैनात रहे तो वहीं सपा के टिकट पर ही लोकसभा पहुंचे। सोमवार को करहल सीट से उनके नामांकन दाखिल करने के बाद ये साफ हो गया है कि वह एक बार फिर सैफई परिवार से रजनीति के अखाड़े में दो-दो हाथ करेंगे।

वर्तमान में प्रो. एसपी सिंह बघेल केंद्र सरकार में राज्य मंत्री हैं। कम लोग ही जानते हैं कि उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत मुलायम सिंह यादव के संपर्क में आने के बाद ही हुई थी। 1989 में जब मुलायम सिंह यादव पहली बार मुख्यमंत्री बने तब एसपी सिंह बघेल उत्तर प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे। उन्हें मुलायम सिंह यादव की सुरक्षा में तैनात किया गया था।

प्रो. एसपी सिंह बघेल पूर्व मुख्यमंत्री नारायन दत्त तिवारी की सुरक्षा में भी तैनात रह चुके थे। इस दौरान उनके मन में कहीं न कहीं राजनीतिक महत्वाकांक्षा जन्म ले चुकी थी। इस महत्वाकांक्षा को बल दिया मुलायम सिंह यादव ने। इसके बाद प्रो. बघेल ने राजनीति में कदम रखा और जलेसर सीट से 1996 में बसपा के टिकट पर लोकसभा का चुना लड़ा। इस चुनाव में वह हार गए।

मुलायम सिंह यादव ने एसपी सिंह बघेल को जलेसर सीट से ही 1998 में सपा से लोकसभा प्रत्याशी बनाया। इस बार वह चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंच गए। लगातार तीन बार वह 1998, 1999 और 2004 में सपा के टिकट पर जलेसर से सांसद रहे।

2010 में बघेल ने बसपा का दामन थाम लिया। यहीं से एसपी सिंह बघेल और सपा के रास्ते अलग-अलग हो गए। अब प्रो. बघेल करहल सीट से अपने राजनीतिक गुरु मुलायम सिंह यादव के बेटे और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने भी लंबे मंथन के बाद उन्हें करहल से प्रत्याशी बनाया है।

यह पहली बार नहीं है जब प्रो. एसपी सिंह बघेल सैफई परिवार और सपा को चुनौती दे रहे हैं। इससे पहले भी वह सपा के खिलाफ चुनावी रण में उतर चुके हैं। वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव के विरुद्ध भाजपा ने उन्हें चुनाव मैदान में उतारा था। हालांकि यहां से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2017 में वे टूंडला से विधायक चुनकर आए। बाद में 2019 के लोकसभा चुनाव में वह आगरा से सांसद चुने गए और मोदी सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री बनाए गए।