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Mahashivratri: अद्भुत और अकल्पनीय हुआ काशी विश्वनाथ मंदिर, शाम 5 बजे तक रिकॉर्ड 6 लाख लोगों ने किए दर्शन… देखिए तस्वीरें

वाराणसी: महाशिवरात्रि के दिन वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं को दर्शन करने के लिए तांता लगा। शाम 5 बजे तक करीब 6 लाख लोगों ने मंदिर में बाबा के दर्शन किए। ऐसा मंदिर की ओर से जानकारी दी गई है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार की शाम श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन किए थे। मंदिर के गर्भ गृह में दीवारों पर सोने की चढ़ाई गई परतों को देखकर प्रधानमंत्री ने इस कार्य को अद्भुत और अकल्पनीय करार दिया। सोने की चढ़ी परसों की वजह से मंदर का गर्भ गृह अलौकिक दिख रहा है। आप भी देखिए तस्वीरें

एक श्रद्धालु ने दान किया 60 किलो सोना

काशी विश्वनाथ मंदिर (केवीटी) को एक श्रद्धालु ने 60 किलो सोना दान किया है, जिसमें 37 किलोग्राम का उपयोग गर्भगृह की भीतरी दीवारों पर किया गया है। बाकी के बचे सोने का भी इस्तेमाल किया जाएगा।

काशी विश्वनाथ मंदिर को कई तरह के फूलों से सजाया गया

महाशिवरात्रि के मौके पर काशी विश्वनाथ मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया है। मंदिर को कई तरह की फूलों से सजाया गया है। मंदिर में बाबा के दर्शन करने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। मंदिर के अधिकारियों की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, शाम 7 बजे तक करीब 6 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिए।

बाबा के दर्शन के लिए लगीं लम्बी-लम्बी लाइनें

महाशिवरात्रि के मौके पर मंदिर में जुटने वाली भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए थे। श्रद्धालुओं की लम्बी लम्बी लाइनें लगी हुई थीं।

गर्भगृह की भीतरी दीवार और मुख्य मंदिर के गुंबद के निचले हिस्से पर सोने की परत

संभागीय आयुक्त दीपक अग्रवाल ने कहा, ‘मंदिर को एक अज्ञात श्रद्धालु से 60 किलोग्राम सोना प्राप्त हुआ है। इसमें से 37 किलो का उपयोग गर्भगृह की भीतरी दीवारों पर किया गया है, जिसमें शेष 23 किलो सोना बचा हुआ है।’ उन्होंने बताया कि सोने का उपयोग गर्भगृह की भीतरी दीवार और मुख्य मंदिर के गुंबद के निचले हिस्से पर सोने की परत चढ़ाने के लिए किया। (मंदिर के अंदर दीवार पर चढ़ी सोने की परत को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी)

​18वीं शताब्दी के बाद मंदिर के किसी भी हिस्से पर सोने की परत चढ़ाने का यह दूसरा सबसे बड़ा काम

18वीं शताब्दी के बाद मंदिर के किसी भी हिस्से पर सोने की परत चढ़ाने का यह दूसरा सबसे बड़ा काम है। केवीटी के इतिहास के अनुसार, 1777 में इंदौर की रानी महारानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा मंदिर के पुनर्निर्माण के बाद, पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह ने लगभग एक टन सोना दान किया था, जिसका उपयोग केवीटी के दो गुंबदों को ढंकने के लिए किया गया था। 18वीं शताब्दी के बाद, 2017 में उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री द्वारा केवीटी के तीर्थ क्षेत्र के विस्तार के लिए प्रमुख कार्य सुनिश्चित किया गया था। केवी धाम (कॉरिडोर) के नाम पर 900 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना शुरू की गई थी, जिसके तहत 300 से अधिक इमारतों को खरीदा और हटा दिया गया था ताकि तीर्थ क्षेत्र को 2,700 वर्ग फुट से बढ़ाकर पांच लाख वर्ग फुट किया जाए, क्योंकि जलासेन, मणिकर्णिका और ललिता घाटों को गंगा नदी से माध्यम से जोड़ा जा सके।

काशी विश्वनाथ मंदिर के बाहर का दृश्य

काशी विश्वनाथ मंदिर के बाहर का दृश्य

VIDEO: महाशिवरात्रि से पहले बाबा विश्वनाथ का सोने का गर्भगृह देख भावविभोर हुए पीएम मोदी

PM Modi in Varanasi: महाशिवरात्रि से पहले बाबा विश्वनाथ का सोने का गर्भगृह देख भावविभोर हुए पीएम मोदी, देखें वीडियो