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Post Office Vacancy : प्रयागराज में डाक सेवक पदों पर भर्ती का इंटरव्यू, फिजिक्स केमिस्ट्री की स्पेलिंग नहीं बता पाए कई अभ्यर्थी

प्रयागराज: डाक विभाग में कई सालों बाद डाक सेवक पदों पर भर्ती के लिए दसवीं पास छात्र-छात्राओं के लिए वैकेंसी निकाली गई है। इसमें 48 पदों के लिए तकरीबन ढाई सौ आवेदकों ने अप्लाई किया है। लेकिन इस भर्ती में इंटरव्यू देने आने वाले छात्र-छात्राओं के स्किल के मामले में कई खुलासे हुए हैं। प्रयागराज बड़े पोस्ट ऑफिस में चल रहे इंटरव्यू के दौरान दसवीं में 98% मार्क्स पाने वाले अभ्यार्थी साइंस फिजिक्स केमिस्ट्री की स्पेलिंग नहीं बता पाए। तकरीबन ऐसे 25 छात्र मिले हैं, जो प्रयागराज और कौशांबी के रहने वाले हैं। वही डाक विभाग, मिले अंक पत्रों की जांच के लिए संबंधित विभाग को भेजने की तैयारी कर रहा है।

इंटरव्यू में नहीं बता पा रहे हैं स्पेलिंग
डाक विभाग के इलाहाबाद डिवीजन और कौशांबी ने ग्रामीण डाक सेवा के 48 पदों के लिए आवेदन मांगे हैं। जिससे योग्यता हाईस्कूल पास रखा गया है। पूरे डाक रीजन इलाहाबाद, कौशांबी, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, सोनभद्र ,सुल्तानपुर, अमेठी में पदों की संख्या ज्यादा है। इसी क्रम में प्रयागराज में में इंटरव्यू रखा गया है। डाक विभाग में अप्लाई करने वाले अभ्यर्थियों के डाक्यूमेंट्स की जांच भी की जा रही है।

प्रयागराज, कौशांबी के रहने वाले अभ्यार्थियों की पूछे गए इंटरव्यू में सवालों पर जवाब नहीं दे पाए तो वहीं कई शब्दों की स्पेलिंग तक अभ्यार्थी नहीं बता पाए। इंटरव्यू में शामिल होने अभ्यर्थी फिजिक्स, केमिस्ट्री, साइंस की स्पेलिंग तक नहीं बता पाए। सबसे बड़ी बात अधिकतर अभ्यर्थियों के अंकपत्र में 98% नंबर वाले हैं। इन सब के अंक प्रमाण पत्र पर अंक पत्र बोर्ड ऑफ़ हाई सेकेंडरी तमिलनाडु के संलग्न है। जिसको अब जांच के दायरे में रखा गया है।

अंकपत्र की कराएंगे जांच
प्रयागराज में चल रहे इंटरव्यू में बैठे अधिकारी इस चीज से आश्चर्यचकित है। तो वहीं अब यह सभी अंक पत्रों की जांच कराने बात कर रहे हैं। इस प्रकार का मामला प्रयागराज में 25 अभ्यर्थियों के साथ आया है, जबकि और जिलों में भी इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। यही नहीं कई अंक पत्रों की जांच की गई तो वेबसाइट पर शो ही नहीं कर रहा है। संबंधित ऑफिस में पूछे जाने पर उसे फर्जी बताया जा रहा है। जिस तरह की मार्क सीटों में गड़बड़ी नजर आ रही है, इससे यह साफ हो गया है कि फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गैंग काफी सक्रिय हैं। हालांकि कई बात अब जांच के बाद ही साफ हो पाएंगी।