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Editorial:गहरी होगी भारत रूस की मित्रता

4-2-2022

भारत और रूस की मित्रता किसी से छुपी नहीं है। रूस के साथ द्विपक्षीय संबंध भारत की विदेश नीति का एक प्रमुख स्तंभ हैं। इसी बीच रूस और यूक्रेन के बीच विध्वंशक युद्ध की शुरुआत हो गई है जिसके बाद पश्चिम देशों और वामपंथी मीडिया भारत की तरफ नजऱ गड़ाए हुई हैं। कुछ देश और मीडिया संस्थानों ने यहां तक लेख लिखना शुरू कर दिया की रूस और यूक्रेन के युद्ध से भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय साझेदारी को नुकसान पहुंचेगा पर आज के परिदृश्य की बात करें तो अब रूस पूरी तरह से भारत के साथ खड़ा दिखाई पड़ रहा है और ऐसा हो भी क्यों ना, जब पूरा पश्चिम देश रूस के खिलाफ खड़ा है उस समय भारत सभी दबावों को दरकिनार कर रूस की सहायता के लिए अग्रसर है।
रूस ने भारत को आश्वासन दिया है कि मास्को के खिलाफ घोषित पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद भारत के साथ रक्षा आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी और यह सुनिश्चित करने के लिए उनके पास वैकल्पिक तंत्र मौजूद हैं और उन्होंने यह भी आश्वासन दिया है कि स्-400 वायु रक्षा प्रणाली जैसे महत्वपूर्ण अनुबंध बाधित न हों।
भारत और रूस के बीच मित्रता का एक और उदहारण तब सामने आया जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खार्किव शहर में फंसे भारतीय छात्रों को तत्काल निकालने पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत की।
अपने वीडियो कॉल के दौरान पुतिन ने क्या कहा?
बुधवार को अपने वीडियो कॉल के दौरान पुतिन ने कहा कि उन्होंने रूसी सैनिकों को “सशस्त्र संघर्ष क्षेत्र से भारतीय नागरिकों के सुरक्षित निकास और उनकी मातृभूमि में वापसी सुनिश्चित करने के लिए” आदेश दिया है। और उन्होंने आश्वासन दिया है कि जब तक भारतीय नागरिक यूक्रेन की सीमा से बाहर नहीं आ जाते वो यूक्रेन पर कार्पेट बॉम्बिंग नहीं करेंगे।
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, हमने खार्किव और पड़ोसी क्षेत्रों से छात्रों को देश के पश्चिमी हिस्से में ले जाने के लिए विशेष ट्रेनों की व्यवस्था करने में यूक्रेनी अधिकारियों के समर्थन का अनुरोध किया है। “हमें किसी भी छात्र के संबंध में किसी भी बंधक की स्थिति की रिपोर्ट नहीं मिली है।
वर्तमान में रूस भारत का 25 वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। अप्रैल 2020-मार्च 2021 के दौरान, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 8.1 बिलियन डॉलर था, जिसमें भारतीय निर्यात 2.6 बिलियन डॉलर और रूस से 5.48 बिलियन डॉलर का आयात हुआ। चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों के दौरान रूस को भारतीय निर्यात 2.5 अरब डॉलर का रहा और रूस से आयात 6.9 अरब डॉलर था। अब द्विपक्षीय व्यापार के आंकड़े शायद उतने अच्छे न रहें लेकिन रूस वास्तव में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापार भागीदार है।
गौरतलब है कि भारत रूस से ईंधन, खनिज तेल, मोती, कीमती पत्थर, परमाणु रिएक्टर, बॉयलर, मशीनरी, विद्युत मशीनरी और यांत्रिक उपकरणों का आयात करता है। दूसरी ओर, रूस भारत से फार्मा उत्पाद, विद्युत मशीनरी और उपकरण, जैविक रसायन और वाहन आयात करता है। वहीं यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध के बाद भी यह साफ़ हो गया है कि भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय समझौता में रुकावट नहीं आएगी चाहे कोई भी परिस्थिति सामने आ जाए।