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‘3 km दूर हुए बम ब्लास्ट से हिल गईं फ्लैट की दीवारें’, यूक्रेन से वापस आए छात्र आलोक ने बताए दिल दहला देने वाले हालात

गोपालगिरि,लखीमपुर खीरी: यूपी के लखीमपुर में यूक्रेन से वापस पहुंचे खीरी के छात्र आलोक सिंह का परिजनों ने भावुक होकर स्वागत किया। वहीं आलोक की मां बेटे को देखकर इतनी भावुक हो गईं कि लिपट कर रोने लगीं। वापस आए आलोक ने जहां सरकार और प्रशाशन का शुक्रिया अदा किया, वहीं वहां रूस के साथ चल रहे युद्ध (Russia Ukraine War) से वहां के हालातों के बारे में भी बताया।

आलोक सिंह के मुताबिक, वह 2018 में यूक्रेन के एक मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस करने गए थे। उनका चौथा साल चल रहा है। दूसरा सेमेस्टर है। आलोक सिंह के मुताबिक, 23 फरवरी तक यूक्रेन में सब कुछ सामान्य चल रहा था। उनकी क्लासेस भी लगातार जारी थी। 24 फरवरी की सुबह करीब 5:00 बजे आलोक अपनी क्लास में जाने की तैयारी कर रहा था कि अचानक उसे तेज धमाका सुनाई दिया। आलोक को समझ नहीं आया कि धमाका आखिर क्यों हुआ है। इसके बाद एक के बाद एक धमाकों ने हड़कंप मचा दिया।

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3 किमी दूर हुए बम ब्लास्ट से हिल गईं फ्लैट की दीवारें
आलोक ने बताया कि उसके दोस्तों और यूनिवर्सिटी के ग्रुप पर यह सूचनाएं चलने लगी कि यूक्रेन पर रूस ने हमला कर दिया। उसके फ्लैट से तीन किलोमीटर दूर जबरदस्त बम ब्लास्ट हुआ, जिससे फ्लैट की दीवारें हिल गई। इस घटना के बाद हॉस्टल में रहने वाले छात्र दहशत में थे। उनको समझ नहीं आ रहा था कि वे यहां से जिंदा बचेंगे भी कि नहीं।

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ऐसे घर पहुंचा आलोक
यूक्रेन से वापस लौटे आलोक ने बताया कि इस दौरान भारत सरकार की तरफ से जारी हेल्पलाइन के नंबर पर उसने मदद मांगने शुरू की। दूतावास से बताया गया कि सभी लोग निकलकर बॉर्डर पर पहुंचे, जहां भारत सरकार उसकी पूरी मदद करेगी। आलोक को पता नहीं था कि किस रास्ते से निकल कर सीमा क्षेत्र में जाना है। हर घंटे बाद एक सायरन बजता था और सभी छात्र बंकर के अंदर चले आते थे। एक दिन उसे पंजाबी कैफे के बारे में जानकारी मिली जो भारतवंशियों की मदद कर रहा था। पंजाबी कैफे के मालिक ने उसको बताया कि ट्रेन से वह अभी निकल जाए। ट्रेन के जरिये आलोक हंगरी बॉर्डर पहुंचा। वहां से भारतीय दूतावास की मदद के बाद आलोक को दिल्ली लाया गया।
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दिल्ली के बॉर्डर पर अलग अलग राज्य सरकारों के वाहन छात्रों को रिसीव करने के लिए तैयार थे। आलोक उसी वाहन के जरिए अपने घर पहुंचा है। आलोक के घर पहुंचने के बाद पिता संतोष सिंह, मां किरण सिंह ने भारत सरकार का धन्यवाद दिया है। आलोक ने बताया कि यूक्रेन में अभी भी तमाम छात्र फंसे हुए हैं।

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