7-3-2022
भारत का निर्यात पिछले कुछ महीनों में लगभग हर क्षेत्र में काफी तेजी से बढ़ा है। मोदी सरकार की नीतियां रंग लाती दिख रही है। भारत के सामान अपनी वैश्विक पहचान बना रहे हैं। भारत का कृषि निर्यात अपने रिकार्ड स्तर की ओर बढ़ चला है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) के अनुसार, अप्रैल से जनवरी की अवधि में कृषि निर्यात में 23 फीसदी की वृद्धि हुई है। एपीडा के अध्यक्ष एम अंगमुथु ने कहा, “हमारा जोर भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैग वाले उत्पादों और पहाड़ी राज्यों से प्राप्त उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने पर रहा है, जबकि हम निर्यात के लिए नए बाजारों की तलाश जारी रखते हैं।” वहीं, दूसरी ओर मोदी सरकार वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक 400 अरब डॉलर के व्यापारिक निर्यात लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
वैश्विक बाजारों में कृषि उत्पादों की भारी मांग है, क्योंकि कई प्रमुख कृषि उत्पादक या तो जलवायु समस्याओं या किसी भू-राजनीतिक मुद्दे का सामना कर रहे हैं। प्रमुख निर्यातक देशों में चल रही ऐसी गड़बड़ी के बीच, भारत दुनिया भर के देशों को कृषि उत्पादों के लिए विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरा है। एपीडा के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों के दौरान चावल का निर्यात पिछले वर्ष की तुलना में 12 फीसदी बढ़कर 7,696 मिलियन डॉलर हो गया। भारत के कृषि-निर्यात बास्केट में चावल का योगदान लगभग 40 फीसदी है।
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