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 Editorial: विश्वशक्ति बना भारत यह नये भारत की सोच का नतीजा

8-3-2022

 एक दौर वह भी था जब भारत विश्व की महाशक्तियों के भरोसे रहता था। आज भारत बोलता है तो दुनिया सुनती है। दरअसल दुनिया में इस समय किसी नेता की सबसे ज्यादा पूछ है तो वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं। प्रधानमंत्री मोदी की शख्सियत और व्यक्तित्व की पूरी दुनिया कायल है। पीएम मोदी ने जिस तरह से भारत की छवि को पूरी दुनिया में पेश किया है, उसने दुनिया भर के नेताओं को प्रधानमंत्री मोदी का मुरीद बना दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2014 में देश का नेतृत्व संभालने के बाद से ही अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भारत के अग्रदूत बने हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का दबदबा लगातार बढ़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय संगठनों और मंचों पर भारत की भागीदारी बढ़ी है।

यूक्रेन संकट का हल निकालने के लिए दुनिया भर के तमाम नेता जी-तोड़ कोशिश कर रहे हैं। लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की नजरें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर लगी हुई हैं। सोमवार, 7 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बात की। दोनों नेताओं के बीच करीब 50 मिनट तक बात हुई। राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन संकट की ताजा स्थिति और वार्ता के बारे में बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत के दौरान युद्धविराम के लिए रूस की सराहना की। प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों नेताओं के बीच सीधी बातचीत का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री मोदी की रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ अच्छी दोस्ती है और राष्ट्रपति जेलेंस्की चाहते हैं कि प्रधानमंत्री युद्ध समाप्त कराने में अहम भूमिका निभाएं। इसी को लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी सोमवार को मौजूदा संकट काल में दूसरी बार प्रधानमंत्री मोदी से बात की। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री को संघर्ष की स्थिति के साथ यूक्रेन और रूस के बीच चल रही बातचीत के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

प्रधानमंत्री मोदी ने संघर्ष जारी रहने और इससे पैदा मानवीय संकट के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की। प्रधानमंत्री मोदी ने हिंसा को तत्काल समाप्त करने के अपने आह्वान को दोहराया और कहा कि भारत हमेशा से मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान और दोनों पक्षों के बीच सीधी बातचीत का समर्थन करता रहा है। प्रधानमंत्री ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी सीधी बातचीत की सराहना की। प्रधानमंत्री ने यूक्रेन से 20000 से अधिक भारतीय नागरिकों को निकालने में सुविधा प्रदान करने के लिए यूक्रेनी अधिकारियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने अब भी यूक्रेन में रह रहे भारतीय छात्रों की सुरक्षा और संरक्षा के प्रति गहरी चिंता व्यक्त की और उनकी त्वरित और सुरक्षित निकासी की आवश्यकता पर बल दिया।

इससे पहले रूस के साथ 24 फरवरी से जारी युद्ध के बीच राष्ट्रपति जेलेंस्की ने 26 फरवरी को भी प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बात की थी। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस दौरान भारत के राजनीतिक समर्थन की मांग की। इस संकट में भारत ने किसी पक्ष का समर्थन नहीं किया है। भारत का शुरू से कहता रहा है कि कूटनीति और बातचीत से ही संकट का हल निकाला जा सकता है। यूक्रेन संकट के बाद से प्रधानमंत्री मोदी रूस के राष्ट्रपति पुतिन से तीन बार बात कर चुके हैं। रूस और यूक्रेन के साथ दुनिया के तमाम बड़े नेताओं को विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी युद्ध को खत्म कराने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

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