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Editorial: क्या योगी इतिहास रच उत्तरप्रदेश में सियासी ट्रेंड बदलेंगे

9-3-2022

उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न हो चुका है। अब पूरे देश की नजर 10 मार्च को होने वाली मतगणना पर टिकी है। हालांकि सोमवार (07 मार्च, 2022) को विभिन्न टीवी चैनलों के एग्जिट पोल से मिल रहे संकेतों से पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी यूपी में इतिहास रचने जा रही है। प्रचंड बहुमत के साथ योगी सरकार की वापसी हो रही है। 10 से ज्यादा एग्जिट पोल में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत दिया गया है। इनमें बीजेपी को 212 से 326 तक सीटें मिलते दिखाया गया है। इससे बीजेपी अपना पिछला प्रदर्शन फिर से दोहराती नजर आ रही है। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 312 सीटें मिली थीं।
राजनीतिक दृष्टि से बीजेपी की यह जीत बहुत बड़ी होगी, क्योंकि उत्तर प्रदेश में अरसे से कोई सरकार दोबारा नहीं जीती है। अब तक यूपी की जनता हर पांच साल में अपनी सरकार बदलती आई है। अगर बीजेपी दोबारा सत्ता में आती है तो 35 साल बाद यह पहली बार होगा जब कोई पार्टी यूपी में सत्ता में वापसी करेगी। इससे पहले 1980 में जनता पार्टी की सरकार के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। तब विश्वनाथ प्रताप सिंह मुख्यमंत्री बने थे। कांग्रेस की सरकार 1989 तक चली थी। यूपी में यह आखिरी मौका था, जब कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता में आई थी।
आजादी के बाद 70 सालों में उत्तर प्रदेश के 33 मुख्यमंत्री बने हैं। पिछले छह दशक के राजनीतिक इतिहास पर नजर डालते हैं तो यूपी में कोई भी मुख्यमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद अपनी कुर्सी नहीं बचा सका है। चुनाव के बाद लगातार दूसरी बार सीएम नहीं बन सका। ऐसे में योगी आदित्यनाथ दोबारा मुख्यमंत्री बनते हैं, तो वो 60 साल का ट्रेंड तोड़ेंगे। उत्तर प्रदेश के इतिहास में यूपी के मुख्यमंत्री की सूची में योगी आदित्यनाथ तीसरे ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया है। उनसे पहले दो मुख्यमंत्री, अखिलेश यादव (2012-2017) और मायावती (2007-2012) थे। लेकिन दोनों पांच साल का कार्यकाल पूर्ण करने के बाद वापस सत्ता में नहीं लौटे। बीजेपी की तरफ से योगी आदित्यनाथ पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री के तौर पर पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है।
प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की डबल इंजन की सरकार ने उत्तर प्रदेश में विकास को गति दी है। साथ ही परिवारवाद और आतंकराज से मुक्ति दिलाकर गरीबों और महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान दिया है। कोरोना काल में मुफ्त राशन और टीकाकरण से गरीबों की जान बचायी है। इससे जनता ने योगी सरकार पर पूरा भरोसा जताया है। वहीं सात चरणों के बाद जारी हुए एक्जिट पोल की मानें तो विपक्षी दांव नहीं चल पाया। राजनीतिक रूप से अहम उत्तर प्रदेश में लगातार तीसरी बार विपक्षी खेमे में नया प्रयोग हुआ।
कोविड से लेकर किसान आंदोलन तक उत्तर प्रदेश को राजनीतिक अखाड़ा भी बनाया गया। जाटलैंड कहलाने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी अखिलेश यादव-जयंत चौधरी की जोड़ी का जादू भी उस हद तक नहीं चल पाया कि वे बीजेपी के इस मजबूत किले को पूरी तरह से ध्वस्त कर पाते।

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