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BJP छोड़कर सपा में गए स्वामी प्रसाद मौर्य की हुई दुर्गति, मिली करारी हार

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत पांच राज्यों के चुनाव नतीजों की आज घोषणा होने हो रही है। रूझानों में अबतक तस्वीर साफ होती नजर आ रही है। उत्तर प्रदेश में एक बार फिर भाजपा ने जीत का परचम लहराते दिख रही है, जबकि सपा, बसपा और कांग्रेस रूझानों में काफी दिख रही है। भाजपा तकरीबन 250 का आंकड़ा पार कर चुकी है। फिलहाल तो ये आने वाला लम्हा ही बताएगा कि पार्टी 300 का आंकड़ा पार कर पाएंगे कि नहीं। अब बीजेपी नेताओं को पूरी उम्मीद है कि कुछ लम्हों के बाद वे 300 का आंकाड़ा भी पार कर लेंगे। उधर, इस भारी जीत के बाद सीएम योगी ने कमाल करने के साथ-साथ इतिहास भी रच दिया है। बता दें कि 37 साल बाद बीजेपी का कोई नेता दोबारा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होने में कामयाब रहा है। इससे पहले साल 1985 में एनडी तिवारी दोबारा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होने में सफल रहे थे और तीन दशक बाद बीजेपी का कोई नेता मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होने में सफल रहा है। वहीं चुनाव से ठीक कई दल-बदलुओं को जनता ने बाहर का रास्ता दिखाया है, इसमें फाजिलनगर से सपा से चुनावी मैदान में उतरे स्वामी प्रसाद मौर्य भी शामिल हैं। बता दें यूपी की योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने चुनाव से एन वक्त पहले भाजपा का साथ छोड़ सपा की साइकिल पर सवार हो गए थे। लेकिन वह अपनी सीट भी नहीं बचा सके। भारतीय जनता पार्टी के सुरेंद्र कुशवाहा ने इस सीट से जीत दर्ज हासिल की है। बता दें कि यहां से सुरेंद्र कुशवाहा को 50,214 (53.4%) वोट मिले हैं, जबकि समाजवादी पार्टी के स्वामी प्रसाद मौर्य 23,825 (25.33%) वोट ही प्राप्त कर सके। इस तरह उनकी हार का अंतर 26,000 से भी ज्यादा रहा। बता दें कि यूपी में 7 चरणों में विधानसभा चुनाव हुए थे। पहले चरण की वोटिंग 10 फरवरी को हुई थी, जबकि आखिरी दौर का मतदान 07 मार्च को हुआ था।