Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

कमलनाथ ने ब्लॉग में लिखा- केंद्र सरकार के गलत फैसलों से मप्र में वित्तीय संकट, भार्गव ने कहा- 14 महीने में एक भी वादा पूरा नहीं

मुख्यमंत्री कमलनाथ के ब्लॉग लिखकर केंद्र की मोदी सरकार और पूर्ववर्ती भाजपा सरकार को दोषी ठहराए जाने पर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने तंज किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी ने ब्लॉग में जो बातें कही है वह हास्यास्पद तो हैं ही उनकी पद की गरिमा के खिलाफ भी हैं। अपने प्रदेश की समस्याओं की ओर न देखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर आक्षेप करके कमलनाथ जी प्रदेश की जनता को विषयों से भटकाने और प्रदेश में व्याप्त समस्याओं से ध्यान हटाने प्रयास कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने गुरुवार को ब्लॉग में कहा था कि मैं मुख्यमंत्री बना तो पता चला कि केंद्र सरकार और प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के गलत आर्थिक निर्णयों की वजह से मप्र वित्तीय कठिनाइयों में फंसा है। पिछली सरकार ने प्रदेश में सिर्फ व्यक्ति-वादी राजनीति कर प्रसिद्धि का झूठा प्रचार किया और संसाधन झोंके। कई योजनाएं बगैर पर्याप्त बजटीय प्रावधान के शुरू कर दी गईं। इसका बहुत बड़ा भार हमारी सरकार पर पड़ा। हमने सरकार में आते ही यह तय किया कि हम मितव्ययिता के साथ जनता की अपेक्षाओं को केंद्र में रखकर मप्र की साख को पूरे विश्व में स्थापित करेंगे। परिणाम धीरे-धीरे देखने को मिल रहे हैं।

गांधी जी ने कहा था कि अंतिम आदमी चेहरा 

महात्मा गांधी ने कहा था कि सरकार जब भी कोई योजना बनाए तो अंतिम पंक्ति में खड़े आदमी का चेहरा सामने होना चाहिए। हमारी सरकार ने इसी का ध्यान रखा है। मेरी चिंता मध्यप्रदेश के लिए भी है क्योंकि कई योजनाओं में केंद्र सरकार ने कम पैसा दिया। केंद्रीय करों में मप्र की हिस्सेदारी भी 14,233 करोड़ रुपए घटा दी। यह बड़ा कुठाराघात है। लेकिन इन स्थितियों के बाद भी हर चुनौतियां, जो मध्यप्रदेश के सामने आएंगी, उन्हें अवसरों में तब्दील कर दूंगा। एक बात की पीड़ा जरूर है कि प्रदेश की जनता ने भाजपा के 28 सांसदों को चुनकर भेजा, मगर कोई भी इस अन्याय के खिलाफ आवाज नहीं उठा रहा।

सरकार के 14 महीने पूरे, लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं 
2018 में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने ताल ठोंक कर कहा था कि यदि सरकार बनी तो 10 दिन में सभी किसानों का 2 लाख तक कर्जा माफ कर देंगे। सामाजिक सुरक्षा पेंशन ₹1000 कर देंगे। बेरोजगार युवाओं को 4 हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता बता देंगे। संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण करेंगे। ऐसी एक-दो नहीं सैकड़ों घोषणा करके उन्होंने 5 सीटें भाजपा से ज्यादा हासिल कर ली। अब जब कांग्रेस की सरकार बने 14 महीने हो चुके हैं, अब तक एक भी घोषणा पूरी नहीं हुई है।