सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को रक्षा बलों के लिए वन रैंक, वन पेंशन (ओआरओपी) पर सरकार के फैसले को बरकरार रखा और कहा कि उसे ओआरओपी सिद्धांत और 7 नवंबर, 2015 की अधिसूचना में कोई संवैधानिक दोष नहीं लगता है।
शीर्ष अदालत की खंडपीठ ने कहा, “वन रैंक-वन पेंशन (ओआरओपी) सरकार का नीतिगत फैसला है और नीतिगत मामलों पर फैसला अदालत का नहीं है।”
सुप्रीम कोर्ट ने रक्षा बलों के लिए एक रैंक एक पेंशन नीति के कार्यान्वयन के केंद्र के तरीके को बरकरार रखा। अपनाए गए सिद्धांत में कोई संवैधानिक दुर्बलता नहीं पाता है। @इंडियनएक्सप्रेस
– अनंतकृष्णन जी (@axidentaljourno) 16 मार्च, 2022
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