Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

मंत्री गुरु रूद्रकुमार से संबद्ध विभागों के लिए 987 करोड़ रूपए से अधिक का अनुदान मांगे पारित

छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार से संबंधित विभागों के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु 987 करोड़ 36 लाख 13 हजार रूपए की अनुदान मांगे पारित हुई। इसमें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के लिए 869 करोड़ 70 लाख 79 हजार रूपए और ग्रामोद्योग विभाग के लिए 117 करोड़ 81 लाख 34 हजार रूपए शामिल हैं। मंत्री गुरु रूद्रकुमार ने अनुदान मांग चर्चा के दौरान सदन के सदस्यों के द्वारा की गई मांगों को परीक्षण कराकर जल्द ही पूर्ण करने की घोषणा की।  

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रूद्रकुमार ने अनुदान मांगों पर चर्चा के जवाब में कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के 74 हजार 982 बसाहटों में 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन के मान से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी के अंतर्गत नरवा विकास योजना अत्यधिक सफल रही है। इसके कारण से भू-जल और सतह जल स्तर बढ़ा है। राज्य में बस्तर और सरगुजा जैसे-दूरांचलों में जहां बिजली की समस्या रही है, वहां पर बसाहटों में सोलर आधारित नलजल योजना से शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि फ्लोराइड प्रभावित सुपेबेड़ा में सुपेबेड़ा समूह जल प्रदाय का प्रोजेक्ट तैयार है। इस योजना से तेल नदी पर आधारित 9 ग्रामों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। इसी प्रकार गिरौदपुरी धाम में प्रतिवर्ष देश-विदेश से आने वाले 20-22 लाख श्रद्धालुओं के लिए पेयजल की व्यवस्था की जाएगी। गिरौदपुरी समूह जल प्रदाय योजना के लिए महानदी पर इंटकवेल बनाकर पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। इस समूह जल प्रदाय योजना के अंतर्गत आसपास के 23 गांवों के लोगों को भी शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए 2074 घरेलू नल कनेक्शन की स्वीकृति प्रदान की गई है। मंत्री गुरु रूद्रकुमार ने कहा कि 18 समूह जलप्रदाय योजना की निविदा का कार्य पूर्ण कर जल्द ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

मंत्री गुरु रूद्रकुमार ने अनुदान मांग की चर्चा के दौरान बताया कि छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में ग्रामोद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामोद्योग से सम्बद्ध रेशम, हाथकरघा, छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प, खादी एवं ग्रामोद्योग तथा माटीकला बोर्ड के माध्यम से ग्रामीण अंचलों में हितग्राही उत्थान मूलक योजना संचालित है। ग्रामोद्योग के सभी घटक के माध्यम से विगत तीन वर्षों में 4 लाख 50 हजार लोगों को रोजगार से जोड़ा गया है।