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जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद को जानबूझकर मारा गया था ऑटो से टक्कर

Dhanbad : जिला एवं सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद को जानबूझकर ऑटो से टक्कर मारा गया था. उक्त बातें सीएफएसएल दिल्ली के मुख्य विज्ञानी आमोद कुमार सिंह ने सोमवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत में अपना बयान दर्ज कराते हुए कही.

ADG अष्टम अत्तम आनंद हत्याकांड में सोमवार को सीएफएसएल दिल्ली के मुख्य विज्ञानी आमोद कुमार सिंह का बयान दर्ज किया गया. सीबीआइ ने इस मामले में कुल 169 गवाहों में से अब तक 17 गवाहों का बयान दर्ज करा दिया है.

सीएफएसएल दिल्ली के मुख्य विज्ञानी आमोद कुमार सिंह ने  विशेष अदालत को दिए बयान में कहा कि उन्होंने क्राइम सीन प्रोफाइलिंग रिपोर्ट 17 अगस्त 2021 को सीबीआई को सौंपी थी. वह खुद भी क्राइम सीन रीक्रिएशन के मेंबर थे.

उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज, क्राइम सीन प्रोफाइलिंग, थ्रीडी पिक्चर इमेज एवं साइकोलॉजिकल एनालिसिस के बाद यह कहा जा सकता है कि जज को जानबूझकर आटो से टक्कर मारा गया था.

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सीएफएसएल दिल्ली के मुख्य विज्ञानी आमोद कुमार सिंह के बयान दर्ज करने के बाद अदालत ने CBI के विशेष लोक अभियोजक अमित जिंदल को गवाह पेश करने का आदेश देते हुए 29 मार्च 2022 की तारीख निर्धारित कर दी है.

बता दें कि वर्ष 2021 में 28 जुलाई को मॉर्निंग वॉक के दौरान एक ऑटो द्वारा टक्कर मारे जाने के बाद जज उत्तम आनंद की मौत हो गयी थी. राज्य सरकार ने इस घटना की सीबीआई जांच का आदेश दिया था. इसके बाद से सीबीआई मामले की जांच कर रही है. हालांकि हाई कोर्ट सीबीआई की जांच के तौर तरीके पर कई बार नाराजगी जाहिर कर चुका है और यह भी टिप्पणी कर चुका है कि सीबीआई हवा में हाथ पैर मार रही है, उसके पास इस मामले में अब तक कुछ भी पुख्ता सबूत नहीं है.

मालूम हो कि जज उत्तम आनंद की मौत के मामले में अभी कई परतें खुलनी बाकी हैं. झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 25 मार्च 2022 को केस की सुनवाई करते हुए नये निर्देश जारी कर दिए हैं. इसके तहत उच्च न्यायालय ने व्हाट्सएप के भारत प्रमुख को प्रतिवादी बनाते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने यह निर्देश दिया. सीबीआई की ओर से बताया गया कि मामले की जांच के दौरान एक व्हाट्सएप चैट की जानकारी मिली है. जांच में मदद के लिए पूरी चैटिंग की जरूरत है. चैटिंग रिकॉर्ड व्हाट्सएप ही उपलब्ध करा सकता है. इस पर अदालत ने व्हाट्सएप के भारत प्रमुख को प्रतिवादी बनाया और जवाब दाखिल करने को कहा है.

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