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Green Valley Peas: बुंदेलखंड में ग्रीनवेली मटर की खेती ने किसानों को दिया बड़ा झटका, 30 दिन में ही बाजार में मटर में आई मंदी

हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर समेत बुंदेलखंड क्षेत्र में अबकी बार ग्रीनवेली मटर की खेती ने किसानों को बड़ा झटका दिया है। बाजार में भाव गिरने से किसान मायूस है। आम दोगुनी करने के लिए हजारों हेक्टेयर क्षेत्रफल में मटर की खेती करने वाले किसान अब अपनी किस्मत को कोस रहे हैं। बाजार में मटर के भाव लगातार गिरने से किसानों ने अपनी फसल को लेकर अभी कोई फैसला भी नही कर पा रहे हैं।

बुंदेलखंड के हमीरपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट, जालौन, ललितपुर और झांसी के अलावा पड़ोसी मध्यप्रदेश के तमाम इलाकों में पिछले कुछ सालों से किसानों ने ग्रीनवेली मटर की खेती की तरफ रुख किया है। पिछले साल मटर के दाम पन्द्रह हजार रुपये क्विंटल था, लेकिन अबकी बार बाजार में इसके दाम साढ़े चार हजार रुपये क्विंटल पर है। किसानों ने आमदनी दोगुनी करने के लिए इसकी खेती का दायरा भी बढ़ाया था। अकेले हमीरपुर जिले के कुरारा ब्लाक में दर्जनों ग्रामों में अस्सी फीसदी से अधिक किसानों ने इस बार ग्रीनवेली मटर की खेती की है, लेकिन बाजार में मटर के भाव में भारी गिरावट से उन्हें मायूस होना पड़ रहा है। सरीला क्षेत्र के किसान महेन्द्र पाल सिंह ने बताया कि कई सालों से क्षेत्र के किसानों ने मटर की खेती कर मोटा मुनाफा कमाया है, इसीलिए उन्हें देख किसानों ने सर्वाधिक मटर की खेती की है, लेकिन अब बाजार में इसकी कीमत लगातार कम होने से किसान चिंता में पड़ गया है।

जिला कृषि अधिकारी सरस कुमार तिवारी ने बताया कि ग्रीनवेली मटर की बाजार में पिछले कुछ सालों से डिमांड थी, जिससे जिले में करीब 25 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में किसानों ने मटर की खेती की है। बताया कि पिछले माह बाजार में इसके दाम सात हजार रुपये क्विंटल थे, लेकिन अब ये बाजार में साढ़े हजार रुपये क्विंटल है। किसानों ने बताया कि ग्रीनवेली मटर की खेती में बड़ा झटका लगने से अब किसान परंपरागत खेती की तरफ रुख करेगा। ग्रीनवेली मटर की खेती करने वाले किसानों की यही कमोवेश स्थिति बुंदेलखंड के सभी जिलों में है, जहां अबकी बार बाजार में मटर के भाव में भारी गिरावट ने किसानों को चिंता में डाल दिया है।

पिछले साल मटर के भाव थे 14 हजार रुपये क्विंटल
कुरारा क्षेत्र के किसान रामवीर सिंह ने बताया कि पिछले साल बाजार में ग्रीनवेली मटर के भाव बाजार में 13 से चौदह हजार रुपये क्विंटल था, लेकिन इस बार बाजार में इसकी कीमत साढ़े चार हजार रुपये हो गई है। बताया कि तीन दर्जन से अधिक गांवों में किसानों ने मटर की खेती में मोटा मुनाफा होने के कारण अबकी बार मटर की खेती का दायरा भी किसानों ने बढ़ाया था। अस्सी फीसदी से अधिक किसानों ने मटर की बोआई की थी, लेकिन बाजार में मटर के भाव में भारी गिरावट ने किसानों की कमर ही तोड़ दी है। मुस्करा क्षेत्र के प्रगतिशील किसान चन्द्रपाल सिंह ने बताया कि ग्रीनवेली मटर की डिमांड बाजार में ज्यादा होने पर इस बार इसकी पैदावार अधिक रकबा में की गई थी, लेकिन बाजार में भाव कम होने के कारण बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है।

फसल की कटाई शुरू होते ही बाजार में मटर के भाव गिरे
जिले के सुमेरपुर, मुस्करा, राठ, सरीला, मौदहा व कुरारा क्षेत्र में अस्सी से नब्बे फीसदी किसानों ने ग्रीनवेली मटर की खेती की है, लेकिन इस फसल के सही दाम न मिलने से किसान परेशान है। क्षेत्र के डामर गांव के किसान खडग सिंह यादव, चन्द्रभान व बाबू सिंह ने बताया कि फरवरी महीने में मटर की फसल की कटाई शुरू हुई थी, तब बाजार में इसके दाम सात हजार रुपये प्रति क्विंटल था, लेकिन जब फसल कटकर तैयार हो गई, तब बाजार में इसकी कीमत साढ़े चार हजार रुपये रह गई है। किसानों ने बताया कि अब ग्रीनवेली मटर के भाव बाजार में गिरने से लागत भी नहीं निकल पा रही है।