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November 1, 2024

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पलामू में बंद रही ओपीडी, एमआरएमसीएच से निराश होकर लौटे मरीज

Palamu: राजस्थान के लालसोट में डॉक्टर अर्चना शर्मा की खुदकुशी के मामले को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. इसी कड़ी में झारखंड आईएमए और झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विस एसोसिएशन (झासा) के आह्वान पर शनिवार को पलामू सहित पूरे राज्य में डाक्टरों ने कार्य बहिष्कार किया. मेदिनीनगर के एमआर एमसीएच सहित सरकारी-गैर सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा ठप रही. इस दौरान केवल इमरजेंसी की सेवाएं चालू रही, जिससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.

बता दें कि राजस्थान के दौसा जिले में सोमवार को प्रसव के दौरान एक मरीज की मौत से पैदा हुए हालात ने अर्चना को सुसाइड करने पर मजबूर कर दिया. मानसिक तनाव ने मंगलवार को रांची की होनहार बेटी की जान ले ली.

इस पूरे मामले में पुलिस का रवैया संदेह के दायरे में है क्योंकि डॉ अर्चना शर्मा और उनके पति के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था. इसके बाद से राजस्थान में पुलिस, प्रशासन के खिलाफ आंदोलन चल रहा है.

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शुक्रवार को आईएमए और झासा ने संयुक्त रूप से कार्य बहिष्कार की घोषणा की थी. झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विस एसोसिएशन (झासा) के पलामू जिला सचिव डॉ चमन कुमार, उपाध्यक्ष डॉ अंशुमन सागर एवं आईएमए के सचिव डॉ अनवर निजाम ने बताया कि एमआर एमसीएच सहित सभी सरकारी अस्पताल के साथ साथ निजी हास्पिटल में ओपीडी को बंद रखा गया. सभी चिकित्सकों में इस घटना को लेकर काफी रोष है.

इस घटना में शामिल दोषियों की गिरफ्तारी एवं कठोर सजा दी जाए तथा इस तरह की घटना भविष्य में ना घटे, इसकी जवाबदेही सुनिश्चित की जाए.

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एमआर एमसीएच में परेशान रहे रोगी और उनके परिजन

एमआर एमसीएच में ओपीडी बंद रहने के कारण दूरदराज से रोज आने वाले मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. यहां रोजाना 900 मरीज पहुंचते हैं. ओपीडी बंद रहने के कारण पांकी के सगालीम से आए मरीज कुमुदनी कुमारी को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. उन्होंने बताया कि उनकी मां को बुखार था.

इससे डाक्टर ने ब्लड जांच करवाने के लिए कहा था. जांच करवाने के बाद जब वह रिपोर्ट दिखलाने के लिए डाक्टर के पास गयी तो ओपीडी बंद रहने से उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ा.

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चैनपुर के लिधकी पतरिया निवासी ललीता देवी ने बताया कि ब्लड की कमी और कमजोरी और चक्कर आने से बार-बार तबियत खराब हो जा रही थी, इसलिए मैं आज सदर अस्पताल आयी तो देखा कि ओपीडी बंद है और कोई डाक्टर नहीं बैठे हैं. इस कारण उन्हें भी निराश होकर वापस लौटना पड़ा.

ओपीडी बंद रहने के कारण सर्जरी, मेडिसिन, गाइनिंग, आई, आर्थो, शिशु, इएनटी, स्कीन आदि विभाग में ताले लटके रहे. अस्पताल परिसर में सन्नाटा पसरा रहा.

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