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Ayodhya News: कोरोना के चलते 2 साल से बंद अनवरत रामलीला फिर शुरू, कलाकारों ने मोह लिया मन

अयोध्या: अयोध्या शोध संस्थान ने दो साल से बंद अनवरत रामलीला (Ayodhya Ramlila) का मंचन शनिवार से फिर शुरू कर दिया है। कोरोना महामारी के कारण रामलीला का मंचन स्थगित कर दिया गया था। नवनिर्मित सांस्कृतिक मंच, अन्तर्राष्ट्रीय रामलीला संकुल, के प्रेक्षागृह में सांसद अयोध्या लल्लू सिंह, विधायक अयोध्या वेद प्रकाश गुप्ता और मंडलायुक्‍त, अयोध्या नवदीप रिण्वा ने दीप प्रज्जवलन कर रामलीला का शुभारंभ किया। प्रथम दिवस में अवध आदर्श रामलीला मण्डल, अयोध्या के कलाकारों ने नारद मोह प्रसंग का मंचन किया।

इस अवसर पर कमिश्नर ने कहा कि अयोध्या में वर्ष भर भगवान राम के जीवन चरित्र से सम्बन्धित कार्यक्रमों का आयोजन होता रहेगा। जिससे अयोध्या आने वाले श्रद्धालु यहां प्रवास के दौरान राम चरित्र को अपने दिल में उतार सके। अयोध्या के घाटों के सौन्दर्यीकरण समेत अयोध्या को पर्यटन नगरी बनाने और विश्व पटल पर प्रतिष्ठित करने के सरकार के संकल्प पर काम तेजी से किया जा रहा है। इस अवसर पर अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक, डॉ लवकुश द्विवेदी ने अनवरत राम लीला की जानकारी दी। उन्होने बताया कि अनवरत राम लीला का मंचन अब लगातार जारी रहेगा।

2004 से शुरू हुई थी अनवरत रामलीला
अयोध्‍या शोध संस्‍थान के प्रशासनिक अधिकारी राम तीरथ के मुताबिक, अयोध्‍या की अनवरत रामलीला यहां रोजाना रामलीला के मंचन की मंशा से 19 मई 2004 से शुरू की गई थी। जो 23 नवंबर 2015 तक बिना किसी रुकावट के चली । लेकिन तत्‍कालीन अखिलेश यादव की सरकार में 24 नवंबर 2015 से इसका मंचन बंद कर दिया गया। जब पहली योगी आदित्‍यनाथ की सरकार का शपथ ग्रहण तो उसी दिन अनवरत रामलीला का मंचन शुरू करने की घोषणा खुद सीएम योगी ने की थी। जो कोविड महामारी के चलते 21 मार्च 2021 से बंद कर दी गई थी। शुक्रवार को जब सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने अपने अयोध्‍या दौरे मे रामनवमी को भव्‍य तरीके से मनाने का निर्देश दिया तो नवरात्र से इसका मंचन पुन: शुरू कर दिया गया है।

50 लाख का है सालाना बजट
बताया गया कि अनवरत रामलीला के लिए सालाना बजट 50 लाख रू का स्‍वीकृत है। इसमें साल के लिए चयनित 24 राम लीला मंडलियों को 15-15 दिनों के लिए अपने दलों की रामलीलओं का मंचन करने के लिए समय तय किया जाता है। पारिश्रमिक की तौर पर प्रतयेक मंडली को रोजाना साढे 8 हजार रुपये मिलते हैं। सभी राम लीला मंडलियों में 20 कलाकार रहते हैं। इस तरह से प्रत्‍येक कलाकार के हिस्‍से में सवा चार सौ रू ही आतें हैं जो दैनिक मजदूरी के रेट से भी बहुत कम है। कलाकारो की मांग है कि महंगाई के दौर में उनका पारिश्रमिक बढ़ाया जाएं क्‍योंकि जिस दर से पारिश्रमिक का भुगतान‍ किया जा रहा है, वह 2007 में निर्धारित किया गया था।

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