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यपू ी मेंअपनी दनिुनिया को नया आसमान देरही बीसी सखि यां

  1. एम.ए. की पढ़ाई करनेके बाद बलु दं शहर की आचं ल जीवन आगेबढ़नेकी राह तलाश रही थीं। उनको समझ में
    नहीं आ रहा था कि कि स क्षेत्र मेंकैरि यर को आगेबढ़ाएं। ऐसेमेंप्रदेश सरकार की बीसी सखी योजना उनके लि ए
    बड़ा सहारा बनी। आज वो अपनेजि लेमेंगांव-गांव मेंलोगों को बकिैंकिंग की सेवाएंपहुंचा रही हैंसाथ मेंकमीशन से
    खदु को आत्मनि र्भरर्भ बनानेमेंजटुी हैं।
  2. कुछ इसी तरह की कहानी सल्ुतानपरु की आभा की हैजो बीसी सखी बननेसेपहलेएक ग्रहणी थी और कोरोना
    काल मेंआर्थि कर्थि तंगी सेजझू नेको मजबरू थीं। सरकार की योजना सेजड़ुकर आज उनका जीवन बदल चकु ा है।
    कमाई होनेसेपरि वार के खर्चे नि कालना उनके लि ए आसान हो गया है।
  3. मरुादाबाद की आमना खातनू पढ़ाई समाप्त करनेके बाद गांव मेंस्वयं सहायता समहू सेजड़ुींतो उनको बीसी
    सखी बननेका अवसर मि ला। घर सेबाहर नि कलकर नई-नई चीजेंसीखनेके साथ बकिैंकिंग क्षेत्र की अब वो जानकार
    बन चकु ी हैं। वो बताती हैंकि उनका जीवन भी नि रंतर सधु रता जा रहा है।
    प्रदेश मेंबीसी सखी (बकिैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट) योजना सेजड़ुी ऐसी हजारों महि लाएं हैंजि नके वि श्वास को नई धार मि ली
    हैऔर उन्होंनेअपनी दनिुनिया को नया आसमान देनेका काम कि या है। 22 मई 2020 सेउत्तर प्रदेश सरकार ने
    राज्य की सभी महि लाओं को लाभ पहुंचानेके लि येबीसी सखी योजना की शरुुआत की। इस योजना के तहत उत्तर
    प्रदेश राज्य की सभी महि लाओं को रोजगार के नए अवसर मि ले। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीवि का मि शन से
    जड़ुी 24, 526 महि लाएंबीसी सखी बनकर गांव-गांव तक लोगों को बकिैंकिंग की सेवाएंपहुंचा रही हैं।
    ग्रामीण महि लाओं को स्वाभि मान और आत्मनि र्भरर्भ ता की नई राह दि खाने वाली बीसी सखी योजना से जड़ुी
    महि लाओं नेअब तक 1,14,01,098 ट्रांजेक्शन कि येहैं। कुल 23,24,08,67,408 रुपयेका लेनदेन उनकी ओर से
    अभी तक सपं ादि त कि या जा चकु ा है। दरूस्थ इलाकों मेंमजदरूों और गरीब परि वारों के लि ए बकैं दीदी के रूप में
    काम करनेवाली बीसी सखि यां अब तक योजना सेजड़ुकर 6,04,68,904 रुपयेकमीशन भी कमा चकु ी हैं। इन
    महि लाओं नेबकैं वि हीन गांव के लोगों को खातेमेंजमा रकम का पता लगानेसेलेकर नि कालनेके लि ए बकैं ों के
    चक्कर लगानेसेछुटकारा दि लाया है। गांव सेलेकर शहरों मेंबीसी सखी 24 घटं ेबकिैंकिंग सेवाएं देरही हैं।
    बता देंकि सीएम योगी आदि त्यनाथ नेपर्वू र्व के कार्यकर्य ाल मेंही आत्मनि र्भरर्भ उत्तर प्रदेश बनानेके लक्ष्य को परूा
    करनेके लि येमि शन रोजगार, मि शन शक्ति और मि शन कल्याण योजनाओं को शरुु कि या। इसके तहत तयै ार
    कि येगयेमास्टर प्लान को सरकार सेसम्बद्ध सस्ं थान तजे ी सेनि रंतर आगेबढ़ा रहेहैं। बकैं ऑफ बड़ौदा और

यकू ो बकैं के सहयोग सेयपू ी इंडस्ट्रि यल कंसलटेंट्स लि मि टेड (यपू ीकॉन) बीसी सखी (बकिैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट) बना रही
हैं। उत्तर प्रदेश अनसु चिूचित जाति , वि त्त एवं वि कास नि गम लि मि टेड के माध्यम से 500 अनसु चिूचित जाति के
यवुक-यवु ति यों को रोजगार के अवसर देतेहुए बीसी सखी बनाया जा चकु ा है। बीसी सखी बनानेके लि येपर्वू र्व
सनिैनिकों, पर्वू र्वशि क्षकों, पर्वू र्वबकैं कर्मि यर्मि ों और महि लाओंको प्राथमि कता दी गई है। बीसी सखी बननेके लि येयोग्यता
में12वीं कक्षा पास होना अनि वार्य कि या गया है। साथ मेंअभ्यर्थी को कम्यटू र चलाना आना चाहि ये। उसपर कोई
वाद या पलिुलिस केस नहीं होना चाहि ये। ऐसेअभ्यर्थी के चयन सेपहलेएक छोटी सी परीक्षा भी ली जाती है। इसमें
उत्तीर्ण होनेवाला अभ्यर्थी बीसी सखी बन सकता है।