Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

UP News: कभी पिता के पास पूरी क्रिकेट किट खरीदने के नहीं थे पैसे…अब बेटे का हुआ IPL में सिलेक्शन

झांसी : बेटे के लिए क्रिकेट की किट खरीदने गए श्यामनाथ को दुकानदार ने यह कह दिया था कि खरीदने की औकात नहीं है तो दुकान पर क्यों चले आये। श्यामनाथ ने दुकानदार को कोई जवाब दिए बिना आधी-अधूरी किट खरीदी और घर आ गए। सालों पहले घटे इस वाकये को शुक्रवार को मीडिया को बताते हुए झांसी पुलिस लाइन में तैनात हेड कॉस्टेबल श्यामनाथ सिंह भावुक हो गए और उनकी आंखों से आंसू निकल पड़े। श्यामनाथ सिंह के बेटे कुमार कार्तिकेय सिंह का आईपीएल टीम में सिलेक्शन हुआ है और शुक्रवार को बेटे ने फोन कर पिता को इस बात की जानकारी दी।

इनाम जीतने का सुनहरा मौका, यहां क्लिक कर इस आसान सर्वे के सवालों का दें जवाब

मुंबई इंडियंस टीम -11 में हुआ सिलेक्शन
कार्तिकेय का सिलेक्शन मुंबई इंडियंस टीम -11 में हुआ है। मूल रूप से सुल्तानपुर के रहने वाले कॉस्टेबल श्यामनाथ सिंह शूटिंग के खिलाडी रहे हैं। बेटे कार्तिकेय को खेल की ओर जाने की प्रेरणा भी उन्हीं से मिली। घरेलू क्रिकेट में कार्तिकेय मध्य प्रदेश की ओर से खेलते हैं और मुंबई इंडियंस के खिलाडी मोहम्मद अरशद खान के चोटिल होने पर उनकी जगह शामिल किया गया है। श्यामनाथ के बेटे के सिलेक्शन की जानकारी जब झांसी पुलिस के अफसरों को हुई तो पुलिस कप्तान सहित अन्य अफसरों ने श्यामनाथ को शुभकामनाएं दी और कार्तिकेय के आगामी मैच में बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद जताई।

Sahara Scam: देवरिया में तबाही के कगार पर हैं सहारा के निवेशक, दिहाड़ी मजदूर से लेकर तमाम लोग अब हैं भगवान भरोसे

अधिकारियों ने दी बधाई
पुलिस लाइन में मीडिया से बात करते हुए श्यामनाथ सिंह ने कहा कि उन्हें असली खुशी तब होगी जब बेटा इंडियन टीम की जैकेट पहनेगा। बेटे ने फोन करके आईपीएल में सिलेक्ट होने की मुझे जानकारी दी है। पिता श्यामनाथ ने बताया कि कप्तान साहब, सीओ साहब और सभी स्टाफ ने मुझे बधाई दी है। मैंने यूपी पुलिस में खेला है और शूटिंग में इण्डिया पार्टिसिपेट किया है। मुझे देखकर बेटे की भी स्पोर्ट्स में जाने की इच्छा होती थी। वह पढ़ने में भी काफी अच्छा था। जब देखा कि वह खेल में अच्छा है तो मैंने उसे खेल पर ही फोकस करने को कहा। मेरे रिश्तेदारों ने मुझसे कहा कि मैंने उसका भविष्य बर्बाद कर दिया। वह लंबा चौड़ा था। उसे पुलिस में भर्ती करा देते लेकिन मैंने उसे जो लक्ष्य दिया था, उससे वह पीछे नहीं हटा।

जब पूरी किट नहीं खरीद सके पिता
श्यामनाथ ने कहा कि बहुत सारी बाधाएं आईं। उसकी सभी जरूरतें पूरी नहीं कर पाता था। एकाध बार बेटे के मुंह से निकला कि लग रहा है कि अब खेल नहीं पाएंगे। इस पर मैंने कहा कि जब मैं हार नहीं मान रहा हूं तो तुम कैसे हार मान सकते हो। श्यामनाथ अपना अनुभव बताते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि वे अपने दोनों बेटों के लिए किट खरीदने दुकान गए थे। दोनों के खरीदने लायक पैसा नहीं था। सोंचा एक ही किट खरीद लें। सामान बहुत महंगे होते हैं। मैंने सामान निकलवाया और पैसे कम होने के कारण उसमें से कुछ सामान कम करवाएं। इस पर दुकानदार ने कहा की औकात नहीं है तो क्यों चले आये हो दुकान पर। मुझे बहुत फील हुआ लेकिन हम उस लायक नहीं थे और कुछ कह भी नहीं सकते थे। जो ले पाए, वो लिए। श्यामनाथ ने भावुक होकर कहा कि कभी पूरी किट नहीं खरीदकर दे पाए बेटे को।