आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पर्याप्त घरेलू आपूर्ति बनाए रखने और कीमतों में वृद्धि को रोकने के लिए सरकार छह साल में पहली बार चीनी निर्यात को एक करोड़ टन तक सीमित कर सकती है।
मिल्स ने विपणन वर्ष 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) में अब तक 90 लाख टन चीनी के निर्यात का अनुबंध किया है। सूत्रों ने बताया कि इसमें से 75 लाख टन स्वीटनर का निर्यात किया जा चुका है।
भारत ब्राजील के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है।
सूत्रों ने कहा, “चीनी निर्यात प्रतिबंधों पर एक या दो दिन में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।”
नए 2022-23 विपणन वर्ष के पहले दो महीनों में घरेलू मांग को पूरा करने के लिए सितंबर 2022 के अंत में 6 मिलियन टन के क्लोजिंग स्टॉक की आवश्यकता है।
साथ ही, देश की प्राथमिकता सबसे पहले घरेलू आवश्यकता को पूरा करना, कीमतों को नियंत्रण में रखना और अतिरिक्त मात्रा होने पर ही निर्यात की अनुमति देना है, सूत्रों ने कहा।
सूत्रों ने कहा कि चालू विपणन वर्ष की समाप्ति से कुछ महीने पहले प्रतिबंध लगाए जाने की संभावना है, ताकि अनुबंधित मात्रा में चीनी की आपूर्ति सुचारू रूप से हो सके।
2020-21 में देश ने 70 लाख टन चीनी का निर्यात किया।
प्रमुख आयातक देश इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, मलेशिया और अफ्रीकी देश हैं।
More Stories
AWS, Microsoft Azure, Google Cloud अब वैश्विक क्लाउड खर्च में 66% का प्रभुत्व रखते हैं | प्रौद्योगिकी समाचार
रियल एस्टेट सेक्टर 2050 तक भारत की जीडीपी में 15% योगदान देगा: नारेडको अध्यक्ष | रियल एस्टेट समाचार
BMW X3 xDrive20d M स्पोर्ट शैडो एडिशन लॉन्च, कीमत, फीचर्स और स्पेसिफिकेशन देखें