जासूसों पर हमारी फिल्म इंडस्ट्री में कई फिल्में बन चुकी हैं। धर्मेंद्र स्टारर आंखें से लेकर सलमान ख़ान की एक था टाइगर तक। सिल्वर स्क्रीन पर जासूसों की रहस्यमई दुनिया और उसका जादू लगातार दिखता रहा है। उसी कड़ी में अब निर्देशक मेघना गुलजार की फिल्म राज़ी दर्शकों के सामने है। फर्क सिर्फ इतना है कि अभी तक सारी जासूसी फिल्में उसके नायक या नायिका को एक सुपर ह्यूमन की तरह ट्रीट करती रही हैं, मगर मेघना गुलजार की हीरोइन जासूस तो है पर बहुत ही साधारण इंसान भी!
यह जासूस हेलीकॉप्टर को हमले में नहीं गिराती, 50 लोगों को अकेले नहीं मारती, ना ही बर्फीले पहाड़ों पर अकेले ही भेड़ियों को मार गिराती है और ना ही वह वेश बदलकर दुश्मनों के यहां आइटम नंबर पेश करती है। बल्कि वो एक साधारण सी लड़की है जिसके असाधारण देश प्रेम और बलिदान के जज्बे के कारण यह फिल्म असाधारण हो जाती है!
मेघना की फिल्म एक सच्ची कहानी पर आधारित है। यह कहानी है एक साधारण सी लड़की सहमत (आलिया भट्ट) की! जिसने 1971 में इंडो-पाक युद्ध के समय अपने पिता के कहने पर एक पाकिस्तानी फौजी परिवार के लड़के से शादी की ताकि वहां से जासूसी की जा सके! सहमत ने अपनी सूझ-बूझ और हौसले के दम पर बलिदान दे कर किस तरह से देश प्रेम की एक मिसाल कायम की, इसी लाजवाब बायोपिक पर आधारित है मेघना गुलजार की फिल्म राज़ी।
मेघना का फिल्म मेकिंग का अंदाज़ अलग है, उनकी स्क्रिप्ट सचमुच में फिल्म की जान होती है। वह स्क्रिप्ट पर इतना रिसर्च करती हैं कि देखने वाले को यह आभास होने लगता है कि जो वह कह रही है वह सौ प्रतिशत सत्य है और यह एक फिल्ममेकर के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है। मेघना की आधी लड़ाई एक शानदार व जानदार स्क्रिप्ट के साथ ही पूरी हो गई थी और बाकी आधी लड़ाई को जिताने का श्रेय जाता है उनके दक्ष निर्देशन और आलिया भट्ट के पावर हाउस परफॉर्मेंस को।
Nationalism Always Empower People
More Stories
इस हफ्ते ओटीटी रिलीज: 9 से 15 सितंबर को बीच पर रिलीज होगी ये फिल्में और वेब सीरीज, यहां देखें लिस्ट
दीपिका पादुकोण-रणवीर सिंह के घर बेटी का आगमन, प्रसिद्ध ज्योतिषी बेजान दारूवाला ने 8 सितंबर को जन्मे लोगों के बारे में बात की
दीपिका पादुकोण ने दिया बेटी को जन्म, पिता बने रणवीर सिंह, बोले- ‘गणेश चतुर्थी के अगले दिन आई लक्ष्मी’