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UP: जुमे की नमाज को लेकर मेरठ समेत सभी जिलों में अलर्ट, झूठे वायरल मैसेज ने लिखी थी सहारनपुर में उपद्रव की पटकथा

10 जून को जुमे की नमाज के बाद वेस्ट यूपी के सहारनपुर में विवाद की स्थिति बनी थी। इसके अलावा प्रदेश के कई अन्य जिलों में भी घटनाएं हुई थीं। इसके बाद से पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। अबकी बार जोनल सेक्टर और सब सेक्टर व्यवस्था भी लागू की जाएगी। धारा 144 लागू रहेगी। वहीं मेरठ समेत पश्चिमी यूपी के सभी जिलों में संवेदनशील स्थानों पर पुलिस की निगरानी बढ़ा दी गई है। सोशल मीडिया पर भी पुलिस-प्रशासन पैनी नजर बनाए हुए है।

सहारनपुर में 10 जून 2022 की नमाज के बाद शहीदगंज बाजार से होते हुए 20 साल से कम आयु के कुछ बच्चे नारे लगाते हुए घंटाघर पहुंच गए। उनके इस अचानक कृत्य से नगर के जिम्मेदार दुखी हैं। इस पर गंभीरता से विचार कर प्रबंध समिति वक्फ जामा मस्जिद कलां, शहीद गंज ने निर्णय लिया है कि 17 जून की जुमे की नमाज, नमाजी अपने-अपने मोहल्ले में ही अदा करें। ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। जामा मस्जिद में भी अधिक भीड़ एकत्रित न हों। यह फरमान जामा मस्जिद की प्रबंध समिति ने लिखित में जारी किया है।

10 जून की पुनरावर्ति न होने की अपील

10 जून को जामा मस्जिद के बाहर जुमा की नमाज के बाद नारेबाजी के बाद घंटाघर, श्रीराम चौक, नेहरु मार्किट में उपद्रव मचा। हालांकि उपद्रव करने की योजना का खाका पहले ही खींचा हुआ था। लोहानी सराय, वुड कार्विंग मार्केट और नखासा बाजार की हर दुकान पहले से ही बंद थीं।

जामा मस्जिद के पास सभी बाजारों में मुस्लिम समाज की सभी दुकानों पर पहले से ही ताले लटके हुए थे। पुलिस ने 232 उपद्रवियों को सोशल मीडिया, सीसीटीवी के माध्यम से चिन्हित भी किया है। जिनमें से 102 उपद्रवियों को पुलिस ने जेल भी भेज दिया है। जामा मस्जिद की प्रबंध समिति ने 17 जून को अपने-अपने मोहल्ले में नमाज न पढ़ने की अपील की है। जिसका एक लेटर भी जारी किया है।

झूठे वायरल मैसेज ने लिखी थी उपद्रव की पटकथा

8 जून को जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी की फोटो लगाकर मैसेज वायरल हुआ था। पुलिस को नौ जून को पता चला। पुलिस अलर्ट हुई। 9 जून को सुबह से देर शाम तक गश्त बढ़ाई, लेकिन पुलिस की व्यवस्था गश्त तक ही सीमित रही।

पुलिस भी पीस कमेटी के आश्वासन पर आराम से बैठी थी। बस नजर थी देवबंद पर। देवबंद में पुलिस बंदोबस्त अच्छा था, लेकिन नगर को हल्का छोड़ा था, यानी कम फोर्स थी। यही कारण था कि देवबंद की कमान डीएम अखिलेश सिंह और एसएसपी आकाश तोमर ने संभाली थी। नगर की मंडलायुक्त डॉ.लोकेश एम. और आईजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने संभाली हुई थी। नगर का माहौल देवबंद से ज्यादा खराब हुआ तो दोनों अधिकारी यहीं पर आ गए और व्यवस्था को संभाला। उपद्रव शांत भी किया। उपद्रवियों की गिरफ्तारी भी कराई, जो अभी तक चल रही है।

उपद्रवियों ने बनाया था मास्टर प्लान

नवाबगंज चौक और जामा मस्जिद के पास भीड़ को रोकने के लिए भारी पुलिस बल तैनात नहीं किया गया था। हालांकि मंडलायुक्त लोकेश एम. और आईजी प्रीतिंदर सिंह पुलिस बल के साथ नमाज से पहले भ्रमण कर चुके थे। दोपहर करीब 1.25 बजे जैसे ही जुमे की नमाज खत्म हुई। 

मास्टर प्लान के साथ उपद्रवी कटपीस वाली गली, नया बाजार, चूडी मोहल्ला, नखासा बाजार, हलवाई जान गली निकल कर जामा मस्जिद पर इकट्ठा हो गए थे। नमाज के बाद इन गलियों से निकलकर उपद्रवियों ने नारेबाजी की और घंटाघर और श्रीराम चौक पर उपद्रव मचाया।

जिम्मेदारों को पहले ही दिया गया था नोटिस

डीएम अखिलेश सिंह ने जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी थी। मुस्लिम समाज के जिम्मेदार पहले ही इस प्रकरण को लेकर ज्ञापन दे चुके थे। उन्हें नोटिस भेज कर हिदायत भी दी गई थी कि 10 जून को कोई प्रदर्शन नहीं किया जाएगा।

जुमे की नमाज के बाद सड़कों पर उतरे मुस्लिम समुदाय के लोगों में शामिल कुछ खुराफाती युवकों ने शहर को दंगे की आग में झोंकने के प्रयास में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन मुस्लिम समुदाय के ही अमन पसंद लोगों के प्रयास तथा प्रशासन व पुलिस अधिकारियों द्वारा सही समय पर सही एक्शन लेने की वजह से बच गया।