राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक विवादित सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर उदयपुर के एक दर्जी का दो लोगों द्वारा सिर काटने को आतंकवाद की कार्रवाई बताते हुए बुधवार को कहा कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सख्त गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया है।
“उदयपुर हत्याकांड आतंक फैलाने के लिए था। जानकारी यह भी सामने आई है कि हत्यारों के संपर्क विदेशों में भी हैं।’
मुख्यमंत्री का बयान केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने की पृष्ठभूमि में आया है।
गहलोत ने उदयपुर की घटना को लेकर जयपुर में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा, “मामले की जांच एनआईए द्वारा की जाएगी और राजस्थान पुलिस का आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) जांच एजेंसी को पूरा सहयोग करेगा।”
उदयपुर के कम से कम सात पुलिस थानों की सीमा के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में कर्फ्यू जारी है, जहां मोहम्मद रियाज और घौस मोहम्मद के रूप में पहचाने जाने वाले दो लोगों ने मंगलवार को अपनी दुकान में 45 वर्षीय दर्जी कन्हैया लाल की हत्या कर दी और एक वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किया। घटना का दावा है कि यह अधिनियम पीड़िता द्वारा पैगंबर पर भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा की गई टिप्पणी को साझा करने के लिए प्रतिशोध में था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शर्मा को जान से मारने की धमकी भी दी।
बुधवार को बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी में लाल का अंतिम संस्कार किया गया।
उदयपुर में हिंसा की छिटपुट घटनाएं देखी गईं, जहां इंटरनेट सेवाएं बंद हैं।
(ईएनएस/पीटीआई इनपुट के साथ)
More Stories
इलाहाबाद HC आज गाज़ीपुर से SP उम्मीदवार अफ़ज़ाल अंसारी के राजनीतिक भाग्य पर फैसला करेगा |
दिल्ली-एनसीआर में बम की धमकी: कई स्कूलों को ईमेल पर मिली विस्फोटक धमकी; खोज जारी है
‘खुद का विरोधाभास’: गिरफ्तारी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी |