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Banda: 43 साल बाद आया हत्या के मुकदमे में कोर्ट का फैसला, 5 को हुई उम्रकैद, जानें क्या था मामला?

बांदा : जनपद बांदा स्थित फतेहगंज कस्बे के बाजार में आज से 42 साल पहले सरेआम एक युवक की दुकान से घसीट कर लाठी-डंडे से पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। लंबी सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट/ अपर न्यायाधीश चतुर्थ ऋषि कुमार की अदालत ने इस मामले में दोषी पाए गए पांच आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। यह मुकदमा हाईकोर्ट के स्थगन आदेश के कारण लंबे समय तक स्थगित रहा और 2021 में इसकी पुनः सुनवाई हुई।

सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रमोद कुमार द्विवेदी व देवदत्त मिश्र ने बताया कि 11 सितंबर 1979 को सुबह बदौसा थाना क्षेत्र के फतेहगंज कस्बे में जरेला गांव निवासी सेवा पटेल (30) पुत्र बाबादीन कपड़े की दुकान में खरीददारी कर रहा था। तभी 15-16 लोग आए और उसे दुकान से घसीट कर बाहर ले गए। इसके बाद सरे बाजार सड़क पर बल्लम बर्छी और लाठियों से उसकी निर्मम हत्या कर दी। पिता बाबादीन ने 13 लोगों के खिलाफ बदौसा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में अदालत में बाबादीन ने 7 लोगों को ही अभियुक्त बताया था।

पुलिस ने सभी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया और मामले की सुनवाई शुरू हुई। यह हत्या तेंदूपत्ता तोड़ाई को लेकर रंजिश के कारण हुई थी। सन 1984 तक इस मुकदमे की सुनवाई के दौरान 5 गवाह पेश किए गए। उसी साल इस मामले में एक अभियुक्त सालिकग्राम ने हाईकोर्ट में याचिका डालकर मामले की प्रोसीडिंग स्थगित करा दी थी। जिससे यह मुकदमा 36 साल तक स्थगित रहा।

इसके बाद 2021 में यह मामला फिर खुला और आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी किए गए। सभी आरोपियों ने अपना वारंट रिकाल कराया और पुनः 3 गवाह पेश किए गए। अभियोजन की ओर से 8 गवाह पेश किए गए। मुकदमे के दौरान दो अभियुक्तों की मौत हो गई थी। शुक्रवार को केस की सुनवाई पूरी हुई। साक्ष्यों के आभाव में गोगा, सालिकराम, सुंदर, ललटू और करन को हत्या का दोषी पाया गया। न्यायाधीश ने सभी को उम्र कैद की सजा सुनाई।
रिपोर्ट- अनिल सिंह