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अफसरों का काला कारनामा : फर्जी कुर्सीनामा बना कर रात में खोला रजिस्ट्री ऑफिस, गलत तरीके से की जमीन की रजिस्ट्री

बुंडू के कोड़दा मौजा की जमीन बिक्री का है मामला
भू- राजस्व विभाग ने गलत ढंग से सरकारी जमीन की रजिस्ट्री मामले में विधि विभाग से मांगा परामर्श

Pravin Kumar

Ranchi : रांची जिला के बुंडू अनुमंडल के कोड़दा गांव की 1457 एकड़ गैरमजरुआ, रैयती और वन भूमि गलत तरीके से रजिस्ट्री कराने के मामले में दक्षिण छोटानागपुर के आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी के नेतृत्व में गठित विशेष जांच टीम ने अपनी अनुशंसा के साथ पूरी जांच रिपोर्ट भू-राजस्व विभाग के अपर सचिव को सौंप दी है. विभाग ने इस रिपोर्ट को परामर्श के लिए विधि विभाग को भेजा है. विधि विभाग का परामर्श मिलने के बाद इस पर विभाग की ओर से आगे की कार्रवाई की जाएगी.

सरकार ने विशेष जांच दल का गठन किया था

ज्ञात हो कि इस भूमि की रजिस्ट्री 2018 में हुई थी. जमीन की खरीदारी बिल्डर पवन बजाज की कंपनी शाकंभरी बिल्डर्स और कोशी कंसल्टेंट ने की है. जमीन रजिस्ट्री की जानकारी मिलने पर बुंडू के स्थानीय ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से जांच कराने का आग्रह किया था. ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि कोड़दा मौजा की 1457 एकड़ जमीन की अवैध ढंग से खरीद-बिक्री की गयी है. बिल्डर के नाम से रजिस्ट्री की गई जमीन में गैरमजरुआ और वन भूमि के साथ सीएनटी जमीन भी शामिल है. यह भूमि बुंडू अंचल के एनएच 33 (रांची-जमशेदपुर मार्ग ) पर दशम फॉल जाने वाले रास्ते में है. ग्रामीणों की शिकायत पर मामले की जांच के लिए सरकार ने विशेष जांच दल का गठन किया था. जांच दल दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडलीय आयुक्त डॉ.नितिन मदन कुलकर्णी की अध्यक्षता में बना था. जांच दल में भूमि सुधार निदेशक उमाशंकर सिंह भी सदस्य के रूप में शामिल थे.

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जमीन रजिस्ट्री के लिए 17 लोगों को लाया गया था निबंधन कार्यालय 

जमीन की रजिस्ट्री से पहले चल रही जमाबंदी के आधार पर पारिवारिक कुर्सीनामा तैयार किया गया. कुर्सीनामे के आधार पर 17 लोगों को जमीन की बिक्री के लिए वर्ष 2018 में रात में रजिस्ट्री कार्यालय लाया गया था. इनमें बिशेश्वर मांझी, सुनील मांझी, राजेंद्र नाथ मांझी, मदनमोहन मांझी, दल गोविंद मांझी, विजय मांझी, दिनेश्वर मांझी, विजय कुमार मांझी, राजकिशोर मांझी, बशिष्ट मांझी, रामदास मांझी, शंकर मांझी, हरेकृष्ण मांझी, प्रदीप मांझी, रासबिहारी मांझी, रमेश चंद्र मांझी, उमाकांत मांझी व गौरांग मांझी शामिल थे.

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दो डीड के माध्यम से पूरी जमीन की रजिस्ट्री करायी गयी थी

जांच टीम ने स्थल कर जांच की, तो पाया कि गैरमजरुआ आम, गैरमजरुआ खास और वन भूमि की जमीन को रैयती जमीन बता कर बिल्डर के नाम पर रजिस्ट्री की गयी है. इसके लिए फर्जी पारिवारिक कुर्सीनामा भी बनाया गया. कुर्सीनामा में दिखाया गया कि किन-किन परिवारों की यह जमीन है. फिर विश्वेश्वर मांझी और अन्य 17 लोगों को जमीन बिक्रेता दर्शाया गया. जांच के दौरान पता चला कि जमीन की रजिस्ट्री रात में कराई गयी थी. पूरी जमीन की रजिस्ट्री दो डीड के माध्यम से हुई थी. जांच दल ने जमीन की रजिस्ट्री करने वाले रजिस्ट्रार की भूमिका को संदिग्ध माना. रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि किसी के नाम पर खाता गलती से या गलत तरीके से खुला या खोला गया, तो दूसरी बार भी खाता और जमाबंदी क्यों खोली गयी ? जांच दल ने इस मामले से जुड़े बिल्डर पवन बजाज सहित 20 लोगों को नोटिस किया था, ताकि उनसे हकीकत का पता लगाया जा सके.

जांच दल ने कई अधिकारियों की भूमिका को माना संदिग्ध

जांच दल ने वन भूमि, गैरमजरुआ और कुछ सीएनटी नेचर की रैयती जमीन की गलत तरीके से रजिस्ट्री करने वाले आधिकारियों की भूमिका को संदिग्ध माना. जांच दल को इसके ठोस प्रमाण भी मिले. टीम ने वन भूमि की रजिस्ट्री पर कहा कि वन भूमि का व्यावसायिक कार्य में किसी भी रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. लगभग तीन से पांच सौ एकड़ वन भूमि की गलत तरीके से रजिस्ट्री किए जाने की जानकारी व दस्तावेज जांच टीम को मिली है. जांच दल ने सरकार से की गयी अनुशंसा में लिखा है कि एक साजिश के तहत वन भूमि, गैरमजरूआ और सीएनटी नेचर की भूमि की रजिस्ट्री करायी गयी है. इस पूरे मामले में बड़े पैमाने पर आनियमितता बरती गयी है, जिसमें सरकारी अधिकारियों की भी संलिप्तता प्रतीत होती है. सरकार के स्तर पर इस तरह की आनियमितता को रोकने के लिए कठोर कार्रवाई करने की भी अनुशंसा की गयी है.

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भू -राजस्व सचिव एल ख्यांग्ते बोले- मैं चुप रहूंगा, कुछ नहीं कहूंगा 

विशेष जांच दल की रिपोर्ट के संबंध में भू राजस्व विभाग के सचिव एल ख्यांग्ते से पूछा गया, तो उन्होंने किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. कहा-मैं चुप रहूंगा, कुछ नहीं कहूंगा.

रिपोर्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं है : पवन बजाज

शाकंभरी बिल्डर्स और कोशी कंसल्टेंट के मालिक पवन बजाज से जब विशेष जांच टीम की रिपोर्ट के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. एसआईटी ने क्या किया, यह भी नहीं पता.

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