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Presidential Election: शिवपाल का निशाना, सपा विधायकों को साथ लाने की कोशिश… जानिए क्या कहता है समीकरण

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति चुनाव में एक अलग ही माहौल बनता दिखा है। समाजवादी पार्टी के भीतर से कुछ विधायकों के पार्टी लाइन से अलग होने की बात सामने आ रही है। हालांकि, कुछ विधायकों के नाम उड़े जरूर हैं, लेकिन उस पर आखिरी मुहर नहीं लग पाई है। समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे शिवपाल यादव ने जरूर अपनी वोटिंग के बारे में साफ कर दिया है। उन्होंने पार्टी लाइन से अलग होकर वोटिंग की है। साथ ही, समाजवादी पार्टी के विधायकों को भी साधने की कोशिश की। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को आईएसआई एजेंट बताने वाले संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के जरिए उन्होंने सपा अध्यक्ष पर भी निशाना साधा।

समाजवादी पार्टी ने विपक्ष के उम्मीदवार को समर्थन का ऐलान किया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से पार्टी के विधायकों को अपने समर्थित उम्मीदवार के पक्ष में वोटिंग की बात कही गई थी। सपा गठबंधन का रालोद ही उनके साथ नजर आया। ऐसे में बरेली से विधायक शहजिल इस्लाम के क्रॉस वोटिंग की अफवाह भी उड़ी। इस पर आजम खान ने अपने ही अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अगर इस प्रकार की कोई बात हुई है तो वह गलत है। किसी को क्रॉस वोटिंग नहीं करनी चाहिए। क्रॉस वोटिंग तो शिवपाल यादव ने भी की। इसको वे सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की प्रतिष्ठा से जोड़ते दिखे। ऐसे में समाजवादी पार्टी का एक बड़ा तबका इस मामले में उनके खिलाफ कुछ बोल तो नहीं रहा है। अखिलेश यादव ने भी जब उनकी चिट्‌ठी मामले पर जवाब दिया तो वह गोलमोल ही था।

शिवपाल ने वोट डालने के बाद कही बड़ी बात
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और सपा विधायक शिवपाल यादव ने राष्ट्रपति चुनाव में अपना वोट डाला और उसके बाद अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि हम नेताजी का अपमान करने वालों का कभी समर्थन नहीं कर सकते। राष्ट्रपति पद के संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के पुराने बयान के आधार पर वे पिछले दिनों अखिलेश यादव को पत्र भी लिख चुके हैं। शिवपाल ने वोट डालने के बाद कहा कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को जिसने आईएसआई का एजेंट कहा हो, उसका हम समर्थन नहीं कर सकते। उन्होंने यह भी कहा कि सपा के कट्‌टर समर्थक और नेताजी के सिद्धांतों का पालन करने वाले कभी भी यशवंत सिन्हा का समर्थन नहीं कर सकते हैं। इसके जरिए उन्होंने अपने क्रॉस वोटिंग को सही बताने की कोशिश की है।

अखिलेश ने दिया शिवपाल को जवाब
शिवपाल यादव ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सपा अध्यक्ष को पत्र लिखा था। शिवपाल ने चिट्‌ठी में मुलायम सिंह यादव को आईएसआई बताने वाले यशवंत सिन्हा को समर्थन दिए जाने पर सवाल खड़ा किया था। यह मामला काफी गरमाया हुआ है। राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान अखिलेश यादव पर जब इस संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने भाजपा पर हमला कर दिया। उन्होंने कहा कि नेताजी के खिलाफ इस प्रकार की भाषा भारतीय जनता पार्टी बोलती आई है। एक प्रकार से अखिलेश यादव ने शिवपाल की भाषा को भाजपा की भाषा बताकर पूरे मामले को एक नया रूप देने की कोशिश की। उन्होंने यह भी कहा कि जिसको साथ रहना है रहे, जहां जाना चाहे जाए। इसके जरिए अखिलेश ने मुद्दे को अलग ही रूप दिया है।

भाजपा को खड़ा किया सवालों के घेरे में
अखिलेश यादव ने पूरे मुद्दे को टालने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि भाजपा का चरित्र है, वह सेकुलर और सोशलिस्टों की लड़ाई लड़ने वालों के खिलाफ इसी प्रकार की भाषा का इस्तेमाल करती है। दरअसल, यशवंत सिन्हा का बयान करीब 17 साल पहले आया था। इसकी न्यूज क्लिप आजकल खूब वायरल है। उस समय यशवंत सिन्हा भाजपा के नेता हुआ करते थे। ऐसे में अखिलेश ने बयान देने वाले नेता की जगह पार्टी को घेरा है। उन्होंने किा कि ऐसे काम में यह पार्टी आगे रहती है। उन्होंने कहा कि नेताजी जब लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ रहे थे तो उनके खिलाफ जिस तरह की भाषा इस्‍तेमाल की जाती थी, उसे कोई भी नहीं भुला सकता है। इस प्रकार वे भाजपा को सवालों के घेरे में लाकर शिवपाल यादव के बयानों को अलग रूप देते दिखे।