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Editorial:भारतीय वायुसेना दुश्मनों के लिए प्रलयंकारी साबित हो रही है

5-9-2022

कहते है कि जो जितना मजबूत होता चला जाता है, उसके दुश्मन भी उतने ही बढ़ने लगते हैं। भारत के मामले में भी यह बात एकदम सटीक बैठती हुई नजर आती है। विश्व पटल पर वर्तमान समय में भारत की छवि लगातार मजबूत हो रही है। हमारी ताकत का लोहा आज दुनिया मान रही है। ऐसे में भारत के दुश्मन भी बढ़ने लगे हैं। खास तौर पर पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसियों के रूप में हमें चुनौती मिलती है। जो देश स्वयं बर्बाद हो चुका हो, वो पाकिस्तान तो हमारे लिए गंभीर चुनौती नहीं है परंतु मक्कार चीन अपनी कुटिल चालों से भारत के लिए समस्याएं खड़ी कर सकता है। ऐसे में इनसे निपटने और भविष्य के लिए पैदा होने वाली गंभीर चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत अपनी तीनों सेनाओं को लगातार मजबूत करता जा रहा है। अब भारतीय वायुसेना की एक भावी शॉपिंग लिस्ट सामने आई है, जो भारत के लिए तो अत्यंत लाभकारी है लेकिन यह शत्रुओं के लिए प्रलयंकारी साबित होने वाली है।

भारतीय वायुसेना अपनी स्थापना के समय से ही हमारी राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा में एक रणनीतिक भूमिका निभाती आई है। हाल ही में हुए एक वैश्विक सर्वेक्षण में भारतीय वायु सेना को दुनिया की तीसरी सबसे शक्तिशाली वायु शक्ति का स्थान दिया गया है। अब भारतीय वायुसेना को और मजबूत बनाने और युद्ध के बदलते तरीके के लिए तैयार करने की योजना पर काम किया जा रहा है।

हाल ही में वायु सेना प्रमुख वीआर चौधरी ने इसे लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि युद्ध के तरीके अब बदलने लगे हैं। जैसे कि यूक्रेन युद्ध ने हमें कुछ सबक भी सिखाए। युद्ध अब मिश्रित प्रकृति के होते हैं। यह हाइब्रिड युद्ध है। दुश्मन विचित्र तरीकों का सहारा लेकर असंगत प्रभावों का लक्ष्य रखता है। उन्होंने आगे कहा कि भविष्य के युद्धों में हमें जिन हथियारों की जरूरत होगी, वो एक छोटे कंप्यूटर से लेकर हाइपरसोनिक मिसाइल तक होंगे। हमें एक नए उभरते प्रतिमान के बीच भारत की पारंपरिक युद्ध लड़ने वाली मशीनरी का पुनर्निर्माण करना होगा। भारत के संयुक्त सेवा संस्थान (USI) द्वारा 30 अगस्त को मेजर जनरल समीर सिन्हा का 20वां स्मृति व्याख्यान आयोजित किया गया था। इसी दौरान “भारतीय वायु सेना: वर्तमान स्थिति और आगे का रास्ता” के बारे में बात करते हुआ वायुसेना प्रमुख ने यह बात कही।

इसी मौके पर एयर मार्शल चीफ वीआर चौधरी ने वायुसेना में संसाधनों की कमी और  भविष्य की योजनाओं पर भी बात रखी। उन्होंने भारतीय वायुसेना के भविष्य की योजनाओं की एक सूची भी बताई, जो उन्हें आने वाले समय की चुनौतियों को तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि संख्याएं मायने नहीं रखती हैं। हमारी सूची विस्तार की आवश्यकता है

    इसमें LCA MK1A के छह स्क्वाड्रन शामिल हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार एमके-1 ए वेरिएंट एक स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित अत्याधुनिक पीढ़ी का लड़ाकू विमान है जो AESA रडार, विजुअल रेंज (BVR) मिसाइलों, हवा में ईंधन भरने (AAR) की क्षमता जैसे महत्वपूर्ण घटकों से लैस है।

    इसके अलावा इस सूची में LCA MK2 के भी छह स्क्वाड्रन शामिल हैं। जानकारी के अनुसार एमके-2 लड़ाकू विमान सबसे एडवांस LCA वेरिएंट होगा जिसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया जाएगा। यह स्वदेशी रूप से निर्मित लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ाएंगे।

    वही भारतीय वायुसेना 114 मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट (MRFA) लड़ाकू विमान भी खरीदने की तैयारी में है। इनमें से 96 स्वदेशी रूप से निर्मित होंगे और 18 विमानों का आयात विदेशी विमान निर्माता द्वारा किया जायेगा। इससे आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही भारतीय वायुसेना भी मजबूत होगी।

    वायुसेना की भावी शॉपिंग लिस्ट में एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) की छह स्क्वाड्रन भी शामिल हैं। AMCA को 5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट माना जाता है। यह विमान काफी खतरनाक और अत्याधुनिक बनाया जा रहा है, जो अमेरिका के शक्तिशाली F-35 लड़ाकू जेट को टक्कर देने में सक्षम है।

    भारतीय वायुसेना रूस द्वारा निर्मित पांच S-400 मिसाइल सिस्टम खरीद रही है। इसके लिए भारत ने रूस से 40 हजार करोड़ में अनुबंध किया था। रूस निर्मित इस मिसाइल सिस्टम को सतह से हवा में मार करने वाला विश्व का सबसे सक्षम सिस्टम माना जाता है।

    इसके अलावा वायुसेना के लिए सरकार HAL से 106 बुनियादी प्रशिक्षण विमान खरीदेगी। साथ ही छह 6 नए एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल (AEW&C) विमान खरीदने की तैयारी है। वही सुखोई-30 MKI लड़ाकू विमान को अपग्रेड करने की योजना है। साथ ही पुरानी पीढ़ी के Mi-17 और Mi-18 हेलीकॉप्टर को भी अपग्रेड किया जाना है।

भारतीय वायुसेना के भविष्य की योजना को तैयार करने की यह सूची जाहिर तौर पर दुश्मनों की नींद उड़ाकर रख देगी और भारतीय वायुसेना को मजबूती देने का काम करेगी।