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  Editorial:अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर पूरी दुनिया देखे भारत की शक्ति

7-9-2022

वक्त सबका आता है, कल किसी और का था, आज हमारा है। एक समय था जब ब्रिटेन ने भारत पर राज किया, हमें अपना गुलाम बनाकर रखा लेकिन उन अंग्रेजों ने कभी यह अपने स्वप्न में भी नहीं सोचा होगा कि जिस अवस्था में वो भारत को छोड़कर गया है वही भारत आने वाले समय में न केवल अपने पैरों पर खड़ा होगा बल्कि विकास की एक नयी गाथा लिखेगा। समय बदल चुका है , क्योंकि आज भारत ने उसी ब्रिटेन को अर्थव्यवस्था के मामले में पछाड़ दिया। यकीनन ब्रिटेन से आगे निकलकर भारत का पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनना हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। परंतु हम भारतीय हैं, जो न तो कभी रुकते हैं, न तो थकते हैं और न ही कभी झुकते हैं। हमारी अर्थव्यवस्था की रफ्तार अभी यहीं थमने वाली नहीं है।

भारत ब्रिटेन से आगे निकलकर दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था तो बन गया। परंतु हमारा लक्ष्य केवल यहीं तक सीमित नहीं है। वो दिन अब ज्यादा दूर नहीं दिखता जब अर्थव्यवस्था के मामले में भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंचने वाला है। जी हां, जर्मनी और जापान को पछाड़कर दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो भारत वर्ष 2027 तक जर्मनी और 2029 तक जापान से आगे निकल जाएगा और विश्व पटल पर एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा। यानी अर्थव्यवस्था के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंचने के लिए अब केवल हमें कुछ वर्षों का ही इंतेजार करना होगा।

ऐसा हम यूं ही नहीं कह रहे हैं बल्कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (स्क्चढ्ढ) ने अपने एक रिसर्च पेपर में इस संबंध में बड़ा दावा किया है। एसबीआई के अनुसार वर्ष 2014 के बाद से भारत बड़े संचरनात्मक बदलाव से गुजरा है। 2014 में अर्थव्यवस्था के मामले में भारत दुनिया में 10वें स्थान पर था। दिसंबर 2021 की शुरुआत में ही भारत, ब्रिटेन को पीछे छोड़ दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन गया था।

वर्तमान समय की बात की जाए तो वैश्विक स्तर पर भारत का जीडीपी का हिस्सा फिलहाल 3.5 प्रतिशत है। यह वर्ष 2014 में 2.6 फीसदी था। वहीं वर्ष 2027 तक भारत का जीडीपी में हिस्सा 4 प्रतिशत हो सकता है और अभी वैश्विक जीडीपी में जर्मनी की हिस्सेदारी 4 फीसदी ही है। रिपोर्ट में कहा गया कि वर्ष 2027 तक भारत के जर्मनी से आगे निकलने की उम्मीदे हैं और बहुत संभावनाएं हैं कि विकास की मौजूदा दर पर 2029 तक भारत जापान को भी पीछे छोड़ देगा।

ऐसे समय में जब दुनिया आर्थिक मंदी के दलदल में फंसी हुई है। स्वयं को सुपरपॉवर मानने वाले देश भी मंदी के आगे दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। दुनिया के तमाम देश भले ही मंदी और मंहगाई के कारण परेशान हों तब भी भारतीय अर्थव्यवस्था ने तेज रफ्तार से आगे बढ़ती ही चली जा रही है। हाल ही में पहली तिमाही के आंकड़े जारी हुए थे जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था ने 13.5 फीसदी की दर से वृद्धि की है।

संभावना है कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज रफ्तार से आगे बढ़ेगी। वित्त वर्ष 2023 में भारत की जीडीपी विकास दर 6.7 फीसदी से 7.7 फीसदी तक रहने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि हम यह मानते हैं कि विश्व में अनिश्चितताओं के माहौल के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 6 से 6.5 प्रतिशत की वृद्धि न्यू नॉर्मल है।

अर्थव्यवस्था के मामले में देखा जाए तो अभी केवल हमसे आगे अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी ही खड़े हैं। परंतु तमाम देश कोरोना के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण प्रभावों का असर झेल रहे हैं। अमेरिका, यूरोप से लेकर चीन और जापान जैसे देशों के लिए भी अभी अच्छा समय निकट नहीं दिखता। चीन का आज जो रवैया है उसके चलते उसकी वैश्विक छवि काफी खराब हो रही है। यही कारण है कि रिपोर्ट में कहा गया कि चीन में नया निवेश धीमा पड़ रहा है, जिसका फायदा भारतीय अर्थव्यवस्था को मिलना तय है।

वर्तमान समय में देखने को मिल रहा है कि विदेशी कंपनियों के लिए भारत पहली पसंद बनता जा रहा है। एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया कि दिग्गज वैश्विक टेक कंपनी एप्पल ने अपने आईफोन 14 की वैश्विक ब्रिकी के लिए कुछ हिस्से का निर्माण जो भारत में हस्तांतरित करने का निर्णय लिया, जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बहुत बड़ी बात है।

यानी इस वक्त अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भारत के लिए हर जगह से केवल अच्छी ही अच्छी ही खबरें आ रही हैं और यही कारण है कि हमारी रफ्तार केवल दुनिया में पांचवें नंबर पर पहुंचने के बाद भी थमने वाली नहीं है। अभी भारत आगे बढ़ेगा, दुनिया के बड़े-बड़े देशों को पीछे छोड़ेगा और विश्व को दिखाएगा कि जिस भारत को कमजोर समझते हो उसकी वास्तविक शक्ति क्या है। कुछ इस तरह विश्व पटल पर भारत अपना तिरंगा लहराता जाएगा।