मॉस्को
शीतयुद्ध काल की तरह ही ब्रिटेन में रूसी जासूस को जहर दिए जाने के मामले में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दबाव लगातार बढ़ रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप इस मामले में रूस को जिम्मेदार ठहराने के लिए कार्रवाई करने की जरूरत पर अपने फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुअल मैक्रों के साथ सहमत हैं।
दोनों नेताओं के बीच रूस के खिलाफ कार्रवाई करने की सहमति डबल एजेंट सर्गेई स्क्रीपल और उनकी बेटी यूलिया की हत्या की कोशिश के बाद बनी है। वाइट हाउस ने बुधवार को ब्रिटेन और अमेरिका के बीच हुए फोन कॉल के बाद कहा कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ब्रिटेन में दूसरे देशों के नागरिकों पर रूस द्वारा किए गए रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल पर इंग्लैंड के साथ एकजुटता जाहिर की है। हालांकि यह टिप्पणी पुतिन के दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने पर ट्रंप द्वारा दी गई बधाई के बाद आया है।
ट्रंप की आलोचना इस बात पर की गई थी कि उन्होंने जहरीले पदार्थ का इस्तेमाल होने या इस घटना का जिक्र अपने बयान में नहीं किया था। ब्रिटेन और इसके सहयोगियों का कहना है कि सर्गेई स्क्रीपल और उनकी बेटी यूलिया पर हमले के पीछे रूस का हाथ था। इन दोनों की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। ब्रिटेन का कहना है कि उनपर रूस द्वारा तैयार किए गए नर्व एजेंट का इस्तेमाल किया गया है। मॉस्को ने इन आरोपों को खारिज करते हुए विदेशी राजनयिकों के लिए टीवी पर बयान जारी किया। इसमें एक वरिष्ठ अधिकारी ब्रिटेन का मजाक रूस फोबिया कह कर उड़ाते हुए दिख रहे हैं।
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