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Editorial:विश्व की मुद्रा कोष संगठन भी पहचानने लगे भारत की शक्ति

15-10-2022

इस समय जहां दुनियाभर में मंदी का दौर मुंह खोले खड़ा है। तमाम देश मंदी के साए से डरे हुए हैं। इन सबके बीच भारत इससे परे अपनी तेज़ी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था को लेकर सभी के लिए मिसाल बन रहा है।
आज दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था भारत की ही हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (ढ्ढरूस्न) जैसे वैश्विक संगठन तक भारत का लोहा मान रहे हैं और वे भी भारत की तारीफें करते थक नहीं रहे हैं।कोरोना के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध ने दुनिया की कमर तोड़कर रख दी है। महंगाई अपने चरम पर पहुंचती जा रही है।यह मोदी सरकार के ही प्रयासों का ही परिणाम है कि जब अमेरिका जैसे कथित महाशक्ति देश मंदी के साये से घबराएं हुए है, तब भी भारत ने स्वयं को मजबूत बनाये रखा है। इस दौरान सरकार ऐसी कई योजनाएं लेकर आयी, जो भारत के लिए लाभकारी साबित हुई। यह बात अब ढ्ढरूस्न भी स्वीकार कर रहा है और इसके लिए वे भारत की जमकर सराहना भी करता नजर आ रहा है। ढ्ढरूस्न के हालिया बयानों से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पहले वल्र्ड बैंक और अब उसके बाद ढ्ढरूस्न भी मोदी सरकार की कैश ट्रांसफर योजना का मुरीद हो गया है। ढ्ढरूस्न भारत के डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (ष्ठक्चञ्ज स्कीम) समेत अन्य सामाजिक कल्याण योजनाओं की जमकर तारीफ की और इसे चमत्कार तक बताया दिया। केवल इतना ही नहीं उसने तो दुनिया को भारत से सीखने की सलाह तक दे डाली।
केंद्र सरकार की डायरेक्ट कैश ट्रांसफर स्कीम को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने ‘लॉजिस्टिकल मार्वलÓ कहा।कुछ सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2013 से अब तक मोड के माध्यम से 24.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक ट्रांसफर किए जा चुके है। वहीं केवल वित्तीय वर्ष 2021-22 में 6.3 लाख करोड़ रुपये की राशि को लाभार्थियों के खाते में सीधा भेजा जा चुका है।
वित्त वर्ष साल 2022 के आंकड़ों की बात करें तो प्रतिदिन औसतन 90 लाख से अधिक ष्ठक्चञ्ज के माध्यम से पैसा ट्रांसफर किया गया है। अभी हाल की बात करें तो प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 10 करोड़ से भी अधिक लाभार्थियों के बैंक खातों में लगभग 20 हजार करोड़ रुपये भेजे हैं।
आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरींचस भी भारत की तारीफ कर चुके हैं। ढ्ढरूस्न के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे ओलिवर गोरिंचेस ने भारत के डिजिटलीकरण के सफल प्रयासों की तारीफ करते हुए कहा कि यह कदम एक बड़ा बदलाव लाने वाला है क्योंकि इसके कारण भारत सरकार के लिए ऐसे कार्य करना संभव हो गया है जो बहुत ही ज्यादा कठिन थे।
ढ्ढरूस्न ने मुख्य अर्थशास्त्री ने केवल भारत के डिजिटल बदलावों की तारीफ ही नहीं की। इसके साथ ही उन्होंने तो यह भी कह दिया कि भारत में 10 ट्रिलियन की इकोनॉमी बनने का दम हैं।
गोरींचस ने कहा कि भारत ऐसे वक्त में एक चमकदार रोशनी की तरह उभरा है जब दुनिया मंदी के आसन्न संकट का सामना कर रही है। भारत 10 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल कर सकता है, लेकिन इस पाने के लिए उसे कुछ महत्वपूर्ण ढांचागत सुधार करने होंगे। उन्होंने कहा- ”कई देशों हमने पहले बहुत तेज दर के साथ वृद्धि करते और तेजी से विकसित होते देखा है। यह कोई आसान काम नहीं है, लेकिन भारत जैसी अर्थव्यवस्था के लिए अपार संभावना है। अपने लक्ष्य को पाने के लिए भारत को अनेक ढांचागत सुधार करने होंगे।ÓÓ
ढ्ढरूस्न का यह बयान दिखाता है कि भारत आज जिस तरह से विश्व पटल पर विकास की ओर तेजी से अग्रसर है, भारत की उस शक्ति का लोहा अब पूरी दुनिया मानने लगी है। ऐसा ही चलता रहा तो वो भारत निश्चित रूप से ‘विश्व गुरुÓ की उपाधि हासिल कर लेगा।