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17 डायरिया मरीजो की जांच जारी,

भिलाई शहर के वृन्दानगर, जे.पी.नगर, शारदापारा और न्यू संतोषी पारा केम्प क्षेत्र के आसपास डायरिया (उल्टी,दस्त) फैल गया है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए स्वयं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.पी. मेश्राम, डॉ. एस.के. मेश्राम, जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अधिकारी, डॉ. एस.के. जामगड़े, जिला नोडल अधिकारी, श्री पद्माकर शिन्दे, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, सुश्री रितीका सोनवानी, जिला एपिडेमोलॉजिस्ट एवं श्री चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज, जिला दुर्ग के गठित टीम जिसमें मेडिसिन विशेषज्ञ, शिशुरोग विशेषज्ञ, कम्प्यूनिटी मेडिसिन विशेषज्ञ एवं माइक्रोबायलॉजिस्ट द्वारा क्षेत्र का भ्रमण कर यू.पी.एच.सी. बैकुंठधाम में पदस्थ चिकित्सा अधिकारियों एवं समस्त कर्मचारियों को आवश्यक मार्गदर्शन दिया गया।    
 आज 28 नवबंर 2022 को जिला चिकित्सालय दुर्ग से स्टूल सैम्पल संकलित कर भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर जॉंच हेतु भेजा गया। संक्रमित क्षेत्र की निगरानी के लिये शहरी कार्यक्रम प्रबंधक, भिलाई, खंड विस्तार प्रशिक्षण अधिकारी, सेक्टर पर्यवेक्षक, ए.एन.एम. और मितानिनों द्वारा 1840 घरों का सघन सर्वे किया गया। क्षेत्र में उल्टी-दस्त से पीड़ित मरीजों को 50 ओ.आर.एस., 98 जिंक टेबलेट एवं 6000 क्लोरिन टेबलेट वितरित किया गया एवं स्वास्थ्य शिक्षा दी गयी। संक्रमित क्षेत्र में मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना की एम्बुलेंस नियमित रूप से भ्रमण करते हुय मरीजों को दवाई एवं उचित स्वास्थ्य शिक्षा देते हुये स्वास्थ्य संस्थाओं तक भेजने के लिए प्रेरित करने का कार्य कर रही है। संक्रमित क्षेत्र में पर्याप्त दवाईयों का भंडारण किया गया एवं गंभीर मरीजों को हायर सेन्टर रिफर करने हेतु एम्बुलेंस की व्यवस्था की गयी। आज दिनांक 28.11.22 को जिले में 11 शासकीय एवं 06 निजी स्वास्थ्य संस्थाओं में कुल 17 डायरिया के प्रकरण मिले है। वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने आम जनता से अपील की है कि उल्टी दस्त होने पर बैंकुंठधाम को आपातकालीन सेवा कन्ट्रोल रूम बनाया गया है, जहॉं पर मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा विशेषज्ञ, शिशुरोग विशेषज्ञ एवं अन्य स्टाफ की 24 घंटे ड्यूटी लगाया जाकर सेवायें दे रहें है। कन्ट्रोल रूम का दूरभाष नं. 0788-4230397 से संपर्क कर उचित सलाह एवं परामर्श ले सकते है। पानी उबालकर ठंडा कर पीये, खाने के वस्तुएं ढंककर रखे, बासी भोजन, सड़े-गले मॉंस मछली, सड़े-गले फल एवं सब्जियॉं उल्टी-दस्त की रोकथाम होने तक नही खायें एवं खाने से पहले एवं शौच के बाद साबुन एवं पानी से हाथ अवश्य धोये।