राशन कार्ड तो पहले भी हमारे पास हुआ करता था, लेकिन उस पर राशन उतना सस्ता नहीं था। मैं और मेरे पति मजदूरी करते हैं, सुबह-शाम मैं आस-पास के घरों में काम करने भी जाती हूं । इतनी मेहनत के बाद भी कमरतोड़ महंगाई में घर चलाना मुश्किल हो गया है ।
घर में खाने का इंतजाम करने में ही पसीने छूट जाते हैं, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का इंतजाम कैसे करें, समझ में नहीं आता । मेरी परेशानी देखकर मेरी पड़ोसन ने मुझे सरकार की खाद्य सुरक्षा योजना के बारे में बताया और ग्राम पंचायत के शिविर में जाने की सलाह दी…उसकी सलाह पर मैं ग्राम पंचायत के शिविर गई और ग्राम प्रधान से मुलाकात की।ग्राम प्रधान से मुलाकात और आवेदन करने के बाद मेरा नया राशन कार्ड बन गया । नया राशन कार्ड बनने के बाद अब मुश्किलें खत्म होती दिख रही हैं…अब राशन 1 रुपए प्रति किलो मिलने लगा है । राशन का खर्चा कम हुआ तो बचा पैसा बाकी ज़रूरतों पर खर्च होता है । अब घर चलाना पहले से बहुत आसान हो गया है”
Nationalism Always Empower People
More Stories
epaper lokshakti-21-march-2024
epaper lokshakti-05-march-2024
योजनाओं की जानकारी देने गांव-गांव पहुंच रहा कला जत्था दल